रायपुर। छत्तीसगढ़ में कक्षा पहली से 12वीं तक के स्कूली बच्चों के लिए ‘ओरो स्कॉलर’ और विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए ‘प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन’ कार्यक्रम की शुरूआत होगी। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज इन कार्यक्रमों का वर्चुअल शुभारंभ किया।
ओरो स्कॉलर कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चे पढ़ाई में मेहनत करने और क्विज प्रतियोगिता में शामिल होकर स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकेंगे। इसी प्रकार प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन कार्यक्रम विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें सामान्य बच्चों के साथ लाने के लिए है। श्री अरबिन्दो सोसायटी के माध्यम से यह दोनों कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन कार्यक्रम के अंतर्गत विभागीय अधिकारी दिव्यांग बच्चों की पहचान और सुधारात्मक उपाय के लिए प्रगति पत्र में विशेष टीम अंकित करने की प्रक्रिया करें। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में अच्छा काम करने वाली 36-36 शिक्षकों को 26 जनवरी को पुरस्कृत किया था। अब मूलभूत साक्षरता और सांख्यिकी कौशल सुधार के क्षेत्र में जो शिक्षक अच्छा काम करेंगे, उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ाई में पीछे छूट रहे बच्चों की पहचान कर उन्हें सामान्य बच्चों की तरह सीखने में सहयोग देंगे। इस कार्यक्रम की वजह से शाला त्यागी और कमजोर बच्चों के स्तर को ऊपर उठाने में बल मिलेगा और बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह दोनों कार्यक्रम शिक्षकों को पसंद आएंगे और वे बच्चों तक इसका लाभ पहुंचाने में सफल होंगे।
ओरो स्कॉलर कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को पढ़ाई में मेहनत करने और कुछ प्रतियोगिता में शामिल होकर हजारों रूपए की स्कॉलरशिप अर्जित कर पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन कर सकने के लिए तैयार करता है। वहीं दूसरा कार्यक्रम प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन हमारे बीच विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें सीख सकने योग्य बनाने में शिक्षकों को सहयोग प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह दोनों कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग के लिए बहुत उपयोगी है और छत्तीसगढ़ में इनका संचालन होने से विद्यार्थियों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि ओरो स्कॉलर कार्यक्रम कक्षा पहली से बारहवीं कक्षा तक अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए है। इसमें बच्चे ओरो स्कॉलर एप्प में अपना पंजीयन कर 20 क्विज में हिस्सा ले सकते हैं। प्रत्येक क्विज में 80 प्रतिशत अंक लाने पर उन्हें 50 रुपए प्राप्त होंगे। 20 क्विज में से सभी में 80 प्रतिशत अंक लाने पर एक माह में बच्चे को एक हजार रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि क्विज में प्रश्न बच्चों द्वारा स्कूल में सीख रहे कोर्स से ही पूछे जाएंगे। इस प्रकार इस कार्यक्रम में बच्चे अपने कोर्स को ध्यान से पढ़ेंगे ताकि वे क्विज में पूछे गये सवालों का जवाब देकर 80 से अधिक प्रतिशत अंक प्राप्त कर सकें। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि क्विज से प्राप्त पैसों से बच्चे न केवल आगे की पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करने में सक्षम हो सकेंगे, बल्कि अपने परिवार को भी आर्थिक सहयोग प्रदान कर सकेंगे।