दो वर्ष के लिए हुई थी रेत घाट की नीलामी अब एक साल के लिए और होना है विस्तार
कोरबा (नवऊर्जा)। नदी नाला के किनारे रेत उत्खनन के लिए 15 अक्टूबर को एनजीटी का प्रतिबंध हट गया, लेकिन इसके बाद भी शहर के दोनों रेत घाट मोतीसागर पारा व गेरवाघाट नहीं खुल सके। खनिज विभाग की सुस्ती के कारण अब नवीनीकरण के पैच में शहर के दोनों रेत घाट के निलामी की प्रक्रिया रूकी हुई है जबकि शहरी क्षेत्र में ही अवैध रेत घाट खुलेआम चल रहे हैं जिससे मकान निर्माण कराने वाले लोगों को तय कीमत से दो से तीन गुना ज्यादा कीमत पर रेत खरीदना पड़ रहा है।
जिले में शहरी-उपनगरीय समेत ग्रामीण क्षेत्र में कुल 18 वैद्य रेत घाट है, जहां से वैध रूप से निर्माण कार्य के लिए रेत की सप्लाई होती है लेकिन हर साल मानसून लगने के साथ ही 15 अक्टूबर तक एनजीटी के प्रतिबंध से रेत घाट बंद रहते हैं, जो उक्त अवधि के बाद शुरू होते हैं। पर इस साल एनजीटी की प्रतिबंध अवधि पूरी होने के बाद भी दोनों घाट नहीं खुले,
शासन द्वारा तय नीलामी प्रक्रिया के तहत दोनों घाट के 2 साल की अवधि पूरी हो जाने के बाद इन घाट के नवीनीकरण के लिए प्रक्रिया चल रही है, जिस पर शासन से स्वीकृति अटकी है।
दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में ही ढेंगुरनाला पर छठ घाट, सतनाम नगर, बरमपुर, दोंदरो, बालको, बांकीमोंगरा समेत अन्य जगह पर नदी-नाला के किनारे से खुलेआम अवैध रूप से रेत उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है।
अभी चल रहे14 रेत घाट
जिले में कुल 18 रेत घाट स्वीकृत है। एनजीटी के प्रतिबंध के बाद इनमें से 14 रेत घाट शुरू हाे गए। वहीं माेतीसागर पारा, गेरवाघाट, छुरीकला व कसनिया रेत घाट बंद है। बताया जा रहा है कि शासन के द्वारा रेत घाट संचालन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू कराने पर शुरूआत में नगरीय निकाय क्षेत्र के उक्त चाराें रेत घाट के लिए टेंडर हुआ था, जिसमें अधिमानी बाेलीदार ने 2 साल की अवधि के लिए रेत घाट हासिल किया। 16 अक्टूबर काे उक्त अवधि पूरी हाे गई। अब नवीनीकरण हाेने पर 1 साल के लिए अवधि के लिए विस्तार का माैका मिलेगा। इस तरह ग्रामीण क्षेत्र के अन्य घाट भी निर्धारित अवधि पूरी हाेने पर नवीनीकरण के लिए बंद हाेंगे।
पहले शासन की स्वीकृति तो अब दस्तावेजों की कमी बताकर घुमा रहे
एक रेत घाट के ठेकेदार के मुताबिक एनजीटी के प्रतिबंध अवधि के दाैरान रेत घाटाें के नवीनीकरण के लिए फाइल चल सकती थी। इसके लिए खनिज विभाग के अधिकारियाें ने लापरवाही बरती, वे निविदा अवधि पूरी हाेने का इंतजार करते रहे। इसके बाद प्रक्रिया शुरु हुई, जिसमें शासन से स्वीकृति नहीं मिलने और दस्तावेजाें की कमी बताकर घुमाया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर संरक्षण देकर अवैध घाट संचालित किया जा रहा है। अधिकारी द्वारा अवैध घाट चलवा रहे है, इससे शासन को कारोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है।
प्रति ट्रैक्टर 12 साै के बजाए जरुरत मंद चुका रहे 3-4 हजार रुपए
वैद्य रेत घाट बंद हाेने की वजह से रायल्टी वाली रेत की बिक्री बंद है, जहां से शहरी क्षेत्र में लाेगाें काे 12 साै रुपए प्रति ट्रैक्टर की 3 से 4 हजार रुपए की मांग की जा रही है। पथर्रीपारा निवासी दुर्गेश साहू के मुताबिक उसने मकान बनाने के लिए जरूरत हाेने पर बारिश में ज्यादा कीमत हाेने पर रेत नहीं खरीदा। बारिश के बाद रायल्टी वाली रेत कम कीमत में मिलने का इंतजार था, लेकिन अब रेत घाट के बंद हाेने से 35 साै रुपए प्रति ट्रैक्टर से रेत खरीदना पड़ा।
एसएस नाग उप संचालक, खनिज विभाग काेरबा ने कहा है, शासन से स्वीकृति अपेक्षित, पखवाड़े भर में शुरू हाेंगे घाट
प्रतिबंध अवधि पूरी हाेने के बाद भी शहर के दाेनाें रेत घाट बंद क्याे हैं?
– निविदा अवधि पूरी हाेने के कारण रेत घाट बंद है। नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी हाेने के बाद एक साल का विस्तार मिलेगा।
लापरवाही क्याें?
प्रतिबंध के दाैरान नवीनीकरण प्रक्रिया काे पूरी की जा सकती थी,
– प्रावधान के अनुसार ही निविदा अवधि पूरी हाेने के बाद ही नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई, किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है।
अवैध रेत घाट संचालित हाे रहे हैं, खनिज विभाग कार्रवाई क्याें नहीं कर रही है ?
– अवैध रेत उत्खनन व परिवहन की सूचना मिलने पर खनिज विभाग लगातार कार्रवाई कर रही है।
रेत के लिए लाेगाें काे दिक्कत हाे रही है, बंद रेत घाट कब तक खुलेंगे?
– नवीनीकरण के लिए शासन से स्वीकृति अपेक्षित है। यह भी जानकारी दी गई, अधिमानी बाेलीदाराें के दस्तावेज में भी कमी है। संभवत: पखवाड़े भर के भीतर बंद रेत घाट शुरू हाे जाएंगे।
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