New Delhi. जेएनयू की छात्र राजनीति के दौरान सेक्युलर राजनीति की बात करने वाले कन्हैया कुमार अब रामायण का जमकर गुणगान कर रहे हैं। पहले चर्चा थी कि उन्हें बिहार के बेगूसराय से कांग्रेस टिकट दे सकती है। हालांकि गठबंधन के फार्मूले में यह सीट लेफ्ट के खाते में चली गई। अब चर्चा है कि उन्हें दिल्ली में मनोज तिवारी के खिलाफ कांग्रेस उतार सकती है। इसी बीच उन्होंने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में राम और रामायण का जमकर गुणगान किया। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राम की लहर अच्छी बात है, नाथूराम की लहर नहीं होनी चाहिए। कन्हैया कुमार ने कहा कि भाजपा राम का नाम लेकर भी अपना सांप्रदायिक और बंटवारे का अजेंडा चला रही है। कुमार ने कहा कि जिस तरह से भाजपा गांधी-नेहरू का नाम लेकर परिवारवाद की बात करती है। उससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक व्यक्तिवाद है।

कन्हैया कुमार ने कहा कि भाजपा हिंदू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है। जहां तक बात है राम की तो वहां किसी के प्रति घृणा का कोई स्थान नहीं है। कन्हैया कुमार से जब पूछा गया कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद क्या राम लहर का फायदा भाजपा को मिलने वाला है? इसपर उन्होंने कहा, अगर देश में राम की लहर है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर देश में नाथूराम की लहर होती तो गड़बड़ होता। उन्होंने कहा, जिस तरह से भाजपा अपना प्रचार कर रही है, उसमें  भाजपा की भूमिका भी कहां है। राम जी त्रेता युग में हुए थे और भाजपा 1980 में बनी है। भाजपा केवल राम के नाम पर लोगों को ठगती है और काम नाथूराम वाले करती है।

कन्हैया कुमार ने कहा कि राम का नाम तो हमेशा से देश में रचा बसा है। लोगों के और जगहों के नाम राम के नाम पर हुआ करते हैं। दूसरे धर्मों की बात करें तो किसी धर्म विशेष का महत्व सबसे ज्यादा हो सकता है लेकिन हिंदू धर्म में सभी स्थानों और सभी देवताओं का महत्व बराबर है। इसीलिए हिंदू धर्म दूसरों से अलग है। लेकिन जो लोग हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए ठगा जा रहा है।

रामायम का गुणगान करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि यह जीवन जीने का तरीका सिखाती है। इसमें बताया गया है कि क्या नैतिक है और क्या अनैतिक है। राम औ रामायण केवल एक रूप में नहीं हैं बल्कि अनेक रूपों में हैं। अगर आप रामायण की ही बात करते हैं तो  तुलसीदास जी की रामायण, वाल्मीकि रामायण और बहुत सारी किंवदंतियां हैं। देश में सैकड़ों  तरह की रामायण हैं। इस देश का इतिहास और संस्कृति राम से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, जब भाजपा नहीं थी तब भी राम का नाम था और जब भाजपा नहीं रहेगी तब भी राम का नाम रहेगा।