नई दिल्ली। दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने गुरुवार को बताया कि कोरोना महामारी के बीच अस्पताल अपर्याप्त संसाधनों और स्टाफ की कमी के मद्देनजर कोरोना वायरस रोग के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को बंद कर रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए नोटिस के अनुसार, इसके अलावा बिना लक्षणों के क्वारंटाइन को भी बंद करने की सलाह दी गई है। अस्पताल ने बताया कि अब से केवल लक्षण दिखने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का टेस्ट किया जाना चाहिए और जो भी संक्रमित पाए जाएं केवल उन्हें ही क्लीनिकल ​​प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेट किया जाना चाहिए।

भारत में गुरुवार को दुनियाभर में एक दिन में कोरोना के सबसे अधिक 314,835 संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई थी, इसके साथ ही महामारी की दूसरी लहर से देश का कमजोर स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। दिल्ली में के अस्पतालों में भी मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है, गुरुवार को भी यहां 26,000 से अधिक नए मरीज मिले थे। राजधानी में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से 306 लोगों की मौत की खबर है।

दिल्ली एम्स में निदेशक रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता में गुरुवार को सुबह 8:30 बजे कोविड-19 की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नए निर्देश जारी किए गए। न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए नोटिस के अनुसार, “कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए अपर्याप्त संसाधन और कर्मचारियों की कमी, रिस्क मैनेजमेंट और बिना लक्षणों वाले संक्रमित के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेसिंग को बंद किया जाना चाहिए। केवल लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मियों का टेस्ट किया जाना चाहिए और जो भी संक्रमित पाए जाएं केवल उन्हें ही क्लीनिकल ​​प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेट किया जाना चाहिए।

नोटिस में आगे बताया गया है कि संक्रमित पाए जाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स की स्थिति में सुधार के बाद ड्यूटी पर वापस लौटने को लेकर कुछ आवश्यक शर्तें हैं। “जो हेल्थकेयर वर्कर्स संक्रमित पाए जाते हैं, वे लक्षणों की शुरुआत से 10 दिनों की अवधि के बाद काम पर वापस लौटने में सक्षम हो सकते हैं, बशर्ते कि वे एंटीपीयरेटिक्स के उपयोग और लक्षणों (जैसे खांसी, सांस की तकलीफ) के बिना कम से कम पिछले 24 घंटों के लिए स्वस्थ हों। पत्र में आगे कहा गया है जो लोग बिना लक्षण वाले हैं, वे पहले पॉजिटिव टेस्ट की तारीख से 10 दिन बाद काम पर लौट सकते हैं।”

एम्स दिल्ली में कोविड-19 टास्क फोर्स ने भी गुरुवार को अन्य विभागों के सहयोगियों से अनुरोध किया कि कोविड-19 रोगियों की बढ़ती संख्या और कई के संक्रमित होने के मद्देनजर कोरोना वायरस रोग प्रबंधन के लिए 80% रेजिडेंट डॉक्टर और फैकल्टी मेंबर प्रदान करें। कोविड-19 रोगियों की बढ़ती संख्या और अस्पताल में कई कोविड-19 सुविधाएं खोलने के मद्देनजर मैनपॉवर की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है।