नई दिल्ली 7 जून 2021. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की सूची से आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्लोरोक्विन और फेविपीरावीर दवाइयों को हटा दिया है। इसके साथ ही दवाइयों की उचित इस्तेमाल और जांच को लेकर मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
डीजीएसएस की वेबसाइट पर संशोधित गाइडलाइन
डाइरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज की वेबसाइट पर ये संशोधित गाइडलाइन दी गई है। वेबसाइट पर 27 मई को इलाज का एक विस्तृत प्रोटोकॉल अपलोड किया गया। हालांकि, इस संशोधित गाइडलाइन को अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया गया है। संशोधित गाइडलाइन में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है।
हल्के लक्षण वाले मरीजों को दवा की जरूरत नहीं
गाइडलाइन में कहा गया है कि हल्के लक्षण वाले मरीजों को किसी भी तरीके की दवाई की जरूरत नहीं है। मॉडरेट मामलों में हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल करने से मना किया गया है। इवेरमेक्टिन, स्टेरायड, रेमडिसिविर दवा कब और किसे देनी है इस बारे में विस्तार से बताया गया है। गाइडलाइन में सीटी स्कैन न कराने की भी सलाह दी गई है।
कब ले सकते हैं कौन सी दवा
नई सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना के लक्षण दिखने पर लोग एंटीपायरेटिक और एंटीट्यूसिव दवाएं (Antipyretic and Anti-tussive) ले सकते हैं, वहीं खांसी के लिए 5 दिनों तक दिन में दो बार 800 एमसीजी की डोज पर बुडेसोनाइड ले सकते हैं. इन सब के अलावा किसी और दवा की जरूरत नहीं है. अगर लक्षण बने रहते हैं या और बिगड़ते हैं, तो मरीज की तुरंत जांच की जानी चाहिए.
वहीं, रेमडेसिविर दवा (Remdesivir) को लेकर सरकार ने कहा कि रेमडेसिविर का इस्तेमाल केवल मध्यम या गंभीर मरीजों के इलाज, जो अस्पताल में भर्ती हैं, की बीमारी की शुरुआत के 10 दिनों के भीतर किया जाना है. इसी के साथ, स्टेरॉयड (Steroids) के इस्तेमाल लिए नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर, सही डोज में और सही अवधि के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही घर पर इलाज कर रहे मरीज खुद से या बिना एक्सपर्ट्स की सलाह के स्टेरॉयड दवा लेने से बचें।