छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ अब बच्चों को ‘न्योता भोज’ भी दिया जा सकता है। शुक्रवार को इसके लिए सरकार की ओर से निर्देश भी जारी किए गए थे। इसी के तहत शनिवार को पहला न्योता भोज रायपुर कलेक्टर ने बच्चों को कराया है।

रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने अपने जन्मदिन के मौके पर ये आयोजन किया। इस दौरान वे सपरिवार मौजूद रहे। धरमपुरा के नवीन प्राथमिक शाला स्कूल पहुंचकर कलेक्टर और SP ने खुद बच्चों को खाना परोसा और उसके बाद उनके साथ नीचे बैठकर खाना भी खाया।

तस्वीरों में देखिए पहला ‘न्योता भोज’

कलेक्टर ने सरकारी स्कूल के छात्रों को खाना परोसा
कलेक्टर ने सरकारी स्कूल के छात्रों को खाना परोसा
कलेक्टर-एसपी समेत अधिकारियों ने बच्चों के ही साथ खाना भी खाया।
कलेक्टर-एसपी समेत अधिकारियों ने बच्चों के ही साथ खाना भी खाया।
SP संतोष सिंह ने भी बच्चों को खाना परोसा
SP संतोष सिंह ने भी बच्चों को खाना परोसा
बच्ची के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।
बच्ची के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।
धरमपुरा के नवीन प्राथमिक शाला स्कूल में किया गया न्योता भोज
धरमपुरा के नवीन प्राथमिक शाला स्कूल में किया गया न्योता भोज
बच्चों ने कलेक्टर को अपने अंदाज में बर्थडे विश किया।
बच्चों ने कलेक्टर को अपने अंदाज में बर्थडे विश किया।

पुड़ी और खीर खाकर बच्चे हुए खुश

रायपुर के एसपी संतोष सिंह, DFO समेत कई अधिकारी भी इस न्योता भोज में मौजूद रहे। मैन्यू में बच्चों को पुड़ी, सब्जी, दाल, चावल और खीर परोसी गई। कलेक्टर ने बच्चों के पास जाकर उनकी पसंद के व्यंजन पूछे और साथ ही आखिरी में केक भी खिलाया।

भोजन करते समय बच्चों के चेहरे पर खुशियां झलक रही थी। बच्चों ने कलेक्टर को गिफ्ट के रूप में फूल दिया। साथ ही बच्चों ने PM, CM समेत सभी को थैंक्यू कहा। उत्साहित बच्चों ने कहा कि, हम भी IAS बनेंगे।

क्या है ‘न्योता भोज’?

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत प्रदेश के स्कूलों में खास मौकों पर दानदाता पौष्टिक आहार का दान कर सकते हैं, ताकी बच्चों को और ज्यादा आहार-पोषण मिल सके। ‘न्योता भोजन’ पूरी तरह से सामाजिक भागीदारी पर होगा। लोग चाहें तो अलग-अलग त्यौहारों, एनिवर्सरी, जन्मदिन, राष्ट्रीय त्यौहारों के मौकों पर स्कूल में भोजन दान कर सकते हैं। ये दान पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। समुदाय का कोई भी वर्ग इसमें अपना योगदान दे सकेगा।

ये आहार कर सकेंगे दान

दान की जाने वाली सामग्री में शाला के लिए पूरा भोजन, कक्षा विशेष के लिए पूरा भोजन, अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अलावा पोषण आहार के लिए स्कूलों में सामग्री भी दे सकते हैं। जिसे वहां की रसोई में ही बनाकर बच्चों को परोसा जाएगा।

दान-दाताओं से मिलने वाली खाने-पीने की चीजें उस क्षेत्र की फूड हैबिट के अनुसार ही होनी चाहिए। पूरे भोजन में नियमित रूप से दिए जाने वाले भोजन की तरह बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित जैसी चीजें बच्चों को पूरक पोषण सामग्री के रूप में दी जा सकती हैं।

पौष्टिक और मौसमी फलों का भी दान किया जा सकेगा। स्कूलों में बच्चों से पूछकर भी खाने की ऐसी सूची तैयार की जानी चाहिए जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हों। इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों की पसंद की चीजें इस भोज के लिए ला सकें।