रूस और यूक्रेन की जंग को तीन हफ्ते हो चुके हैं. दोनों देशों के बीच टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच कीव में 24 घंटे का लॉकडाउन लगा दिया गया है. किसी को भी सड़कों पर आने की इजाजत नहीं है. पूरी रात तेज धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है. बुधवार सुबह भी कहीं से छोटे हथियारों के गरजने की आवाज सुनी गई.

24 फरवरी से चल रही इस जंग में रूस के हमलों में यूक्रेन के 103 बच्चे मारे जा चुके हैं और 100 से ज्यादा मासूम घायल हो चुके हैं. इसकी जानकारी प्रॉसिक्यूटर जनरल इरीना वेनेडिक्तोवा ने फेसबुक पर दी है. रूस की सेना यूक्रेन की सड़कों पर नजर आ रही है. वहीं रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन के पास ऐसे हथियार नहीं हो सकते, जिससे रूस को खतरा हो. उन्होंने कहा कि बातचीत मुश्किल है और यूक्रेन का न्यूट्रल स्टेटस पर भी गंभीर तरीके से विचार किया जा रहा है. दूसरी ओर ब्रिटेन की डिफेंस इंटेलिजेंस ने कहा कि यूक्रेन की जमीन पर पैदा हो रहीं चुनौतियों से निपटने के लिए रूसी सेना संघर्ष कर रही है. वहीं यूक्रेन के समर्थन को लेकर तीन देश, पोलैंड, चेक गणराज्य और स्लोवेनिया के पीएम मंगलवार को यूक्रेन की राजधानी पहुंचे. ये राजनेता जिस वक्त कीव में मौजूद थे उसी वक्त सेना की ओर से कीव के नजदीकी इलाकों पर बमबारी की जा रही थी.

वहीं मिली जानकारी के अनुसार तीनों प्रधानमंत्री ने लगभग तीन घंटे कीव में गुजारे. इस सिलसिले में पोलैंड के पीएम मंत्री माटुस्ज़ मोराविकी ने फेसबुक के माध्यम के कहा कि वे तीन देशों के पीएम के साथ कीव में थे. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है. यही वजह है कि दुनिया ने अपनी सुरक्षा की भावना खो दी है. उन्होंने कहा कि युद्ध में कई निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं. लो अपनी संपत्ति, अपना घर खो रहे हैं. इस त्रासदी को रोकने की हम पूरी कोशिश में लगे हैं और इसी सिलसिले में हम कीव भी पहुंचे थे.

अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं और दोनों देशों के राजनेताओं से बात कर जंग रोकने के प्रयास में लगे हुए हैं. इसी बीच यूक्रेन ने ऐलान कर दिया कि वह नाटो में शामिल नहीं होगा. माना जा रहा है कि इस ऐलान के बाद रूस के बर्ताव में नरमी आएगी.