कोरबा 17 जून 2021/बारिश के मौसम में उल्टी, दस्त, टायफाइड और पीलिया जैसे रोगों के बढ़ने की संभावना रहती है। इसे देखते हुए लोगों को जल जनित रोगों से बचाव एवं उन्हें पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। शहरी इलाकों के बस्तियों में, पाईप लाइन के टूट-फूट के कारण पीने के पानी में गंदा पानी मिलने की संभावना रहती है। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देश में बारिश के मौसम में पानी से होने वाले रोगों से बचाव के लिए लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को तत्काल पेयजल स्रोतों का निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। नगरीय क्षेत्रों में बस्तियों में नालियों के भीतर टूटी-फूटी पाईप लाइन को समय रहते बदलने और मरम्मत करने भी निर्देश जारी किए गए हैं। बारिश के मौसम में ट्यूबवेलों में भी गंदा पानी जाने की संभावना होती है। इसलिए विभाग के अधिकारियों कोे पीने के पानी वाले ट्यूबवेलो में क्लोरीन डालने के लिए कहा गया है। स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए पेयजल में कोलीफाॅर्म बैक्टीरिया को दूर करने के लिए जिले के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्टोरेज टंकी तथा घरों के पानी के सैंपल लेकर लैब टेस्टिंग कराने के निर्देश दिए गए है। जारी निर्देशानुसार पेयजल में कोलीफार्म बैक्टीरिया पाए जाने पर तत्काल जल प्रदाय रोक कर स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
राज्य शासन द्वारा जारी निर्देश में कोलीफार्म बैक्टीरिया की जांच के लिए इकट्ठा किए गए सैंपल में रेसीडुअल क्लोरीन की जांच लगातार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। पीने के पानी में रेसीडुअल क्लोरीन नहीं पाए जाने पर ऐसे पानी का उपयोग पेयजल के रूप में नहीं किया जाएगा। जारी निर्देश में जिले के बस्तियों के ट्रीटमेंट प्लांट, स्टोरेज टंकी की माॅनिटरिंग कर सैंपल लेने का दिनांक, समय, सैंपल किसने लिए और परिणाम आदि का उल्लेख करते हुए रजिस्टर संधारित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के प्रतिदिन इसका निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।