एक तहसीलदार (Tehsildar) की दोस्ती करीब डेढ़ साल पहले महिला कांस्टेबल रुचि सिंह चौहान से हुई. फेसबुक में कुछ दिनों तक बात करने के बाद मोबाइल नंबर एक्सचेंज हुए और फिर घंटों बातचीत.
प्यार में धीरे-धीरे तहसीलदार की रुचि और बढ़ने लगी. बात मुलाकात और फिर संबंध बनाने तक आ पहुंचे. लेकिन इस प्यार का अंत बेहद दर्दनाक हुआ. क्योंकि महिला सिपाही और तहसीलदार दोनो शादीशुदा थे, हालांकि महिला सिपाही का पति से विवाद चल रहा था और बात तलाक तक आ पहुंची थी, यही कारण है कि महिला सिपाही तहसीलदार से शादी करना चाहती थी. लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था.
प्यार में धीरे-धीरे तहसीलदार की रुचि और बढ़ने लगी. बात मुलाकात और फिर संबंध बनाने तक आ पहुंचे. लेकिन इस प्यार का अंत बेहद दर्दनाक हुआ. क्योंकि महिला सिपाही और तहसीलदार दोनो शादीशुदा थे, हालांकि महिला सिपाही का पति से विवाद चल रहा था और बात तलाक तक आ पहुंची थी, यही कारण है कि महिला सिपाही तहसीलदार से शादी करना चाहती थी. लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था.
काल डिटेल ने खोला राज
पुलिस ने शव की शिनाख्त होने के बाद रुचि के फोन की काल डिटेल निकलवाई थी. पड़ताल में सामने आया कि रुचि की आखिरी बार फोन पर पद्मेश से बात हुई थी. इसके बाद पुलिस टीम प्रतापगढ़ पहुंची और आरोपित को उसकी पत्नी व साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया. रुचि ने वर्ष 2019 में अंकित से प्रेम विवाह किया था और वह भी यूपी पुलिस में हवलदार है.
शादी का दबाव बनाया तो रची हत्या की साजिश
जब महिला कांस्टेबल रुचि ज्यादा दबाव बनाने लगी तो पद्मेश ने यह बात अपनी पत्नी से भी शेयर की. इसके बाद दोनों ने प्लान किया कि इसको रास्ते से हटाना होगा, तभी निजात मिलेगी. इसके चलते पद्मेश 12 तारीख को प्रतापगढ़ से लखनऊ आया और वृंदावन एरिया में रुचि को बुलाकर उससे मिला. पुलिस के मुताबिक रुचि और पद्मेश की लोकेशन एक साथ वृंदावन दिख रही थी. पद्मेश ने आखिरी कॉल रुचि को ही किया था. पद्मेश के साथी नामवर सिंह ने जूस में कोई दवा मिलाकर रुचि को नशे की हालत में कर दिया. इसके बाद गाड़ी में रखकर उसे नाले में फेंक दिया.