बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में इंसान की शक्ल में हैवानों का रूप देखने को मिला है. भूख मिटाने के बदले पंडो जनजाति के लोगों को डंडे खानी पड़ी है. पहले दबंगों ने पंडो जनजाति के 8 लोगों को बंधक बनाया, फिर पंचायत लगाकर लाठी, डंडे, लात और हाथों से बेदम पिटाई की. उन्हें इतना पीटा गया कि वो दर्द से कराहते हुए जमीन पर लेट गए. एक पेड़ से लिपटाकर सभी लोगों पर डंडे से वार किए गए. इतना सब होने के बाद पंचायत में पंडो जनजाति के लोगों पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इस तरह करीब 3 लाख का जुर्माना लगाया है.

मछली चोरी के आरोप में बेदम पिटाई

पूरा मामला डिंडो पुलिस चौकी के ग्राम पंचायत चेरा का है. यहां पंडो जनजाति के 8 लोगों पर तालाब से मछली चोरी करने का आरोप लगा है. मछली चोरी के आरोप में 16 जून को इनकी जमकर पिटाई की गई. जिनकी पिटाई हुई है, उनमें राजकुमार पंडो, देवरूप पंडो, राजबली पंडो, लाल बिहारी पंडो, सुरेश पंडो, मंधारी पंडो, राजकुमार पंडो और रामधनी पंडो शामिल है. दबंगों ने भरी पंचायत में सभी को बंधकर बनाकर पेड़ से लिपटाकर बेदम पिटाई की. बेल्ट, लाठी, डंडे से इन्हें खूब पीटा गया. मार खाने वालों में कुछ नाबालिग बच्चे भी है. पिटाई के बाद इन्हें सजा के तौर पर आर्थिक दंड भी लगाया है. इस पूरे घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

पीड़ितों ने लगाया है ये आरोप

पंडो जनजाति के पीड़तों का आरोप है कि जन चौपाल लगाकर इन्हें जातिसूचक गाली भी दी गई. धमकी देते हुए मारपीट की गई. पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने पर जान से मारने की धमकी दी गई. यहां हमारा राज चलता है. पुलिस थाने में जाने से कुछ नहीं होगा बोला गया. सभी लोगों पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. एक व्यक्ति से 5 हजार रुपए जमुना यादव के पास जमा भी करा लिया गया है. इसकी जानकारी किसी को देने पर गांव से बाहर निकलवा देने की धमकी संरपंच पति सत्यम यादव ने दी थी. पंडो जनजाति से सभी पीड़ित व्यक्ति डरे सहमे हुए हैं. इन्होंने पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत करते हुए कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

मामले में 10 आरोपी गिरफ्तार

पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद खुद वाड्रफनगर एसडीओपी और डिंडो पुलिस चौकी प्रभारी घटना स्थल पर पहुंचे. वहां से पूछताछ कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें सरपंच पति सत्यम यादव, जितेंद्र प्रताप यादव, बासदेव यादव, आलोक यादव, जय प्रकाश यादव, बंशीधर यादव, दीनानाथ यादव, देवसाय, जमुना यादव और जितेंद्र यादव शामिल है. आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 149, 294, 506, 323, 365, एट्रोसिटी के तहत कार्रवाई की गई है. सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जा रहा है.

हाथ में नहीं लेना चाहिए कानून

एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल का कहना है कि मामले की शिकायत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आगे की विवेचना की जा रही है. ऐसी घटनाओं से पहले इन दबंगों को यह विचार जरूर करना चाहिए कि इसका अंजाम क्या हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति ने चोरी किया गया था, तो पुलिस में इसकी शिकायत की जानी थी ना कि खुद ही कानून को हाथ में लेना चाहिए था.