Patna. अगले 6 दिनों में बिहार में प्रचंड गर्मी पड़ने वाली है। पूर्वानुमान के मुताबिक, अधिकतम तापमान में 5 डिग्री तक की बढ़त हो सकती है। मौजूदा समय में राज्य का अधिकतम तापमान 31 डिग्री है। जल्द इसके 36 डिग्री के पार होने का अनुमान है। मौसम शुष्क रहने और आसमान के साफ होने से गर्मी का प्रभाव काफी अधिक दिखाई पड़ेगा। ऐसे में मौसम विभाग ने गर्मी के प्रभाव को लेकर अलर्ट जारी किया।

मौसम विभाग का कहना है कि पूरे राज्य में पछुआ एवं उत्तर पछुआ हवा का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। बिहार में 10 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली रही हवाएं सतह से 1.5 किमी ऊपर तक प्रभावी हैं। इसके प्रभाव से मौसम पूरी तरह से शुष्क बना रहेगा। इससे आसमान भी पूरी तरह से साफ होगा, जिससे गर्मी का प्रभाव काफी अधिक देखने को मिलेगा।

33 के पार पहुंचा अधिकतम तापमान

बिहार में न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच का अंतर कम हो रहा है। 24 घंटे के दौरान राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री गया में रिकॉर्ड किया गया, जबकि बिहार का औसत न्यूनतम तापमान 14 से 16 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया गया। राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान अररिया में 33.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि इससे दिन प्रतिदिन गर्मी का प्रभाव बढ़ेगा। जिस तरह से मौसम में परिवर्तन हो रहा है, इससे अनुमान है कि आने वाले 5 दिनों में अधिकतम तापमान की रफ्तार काफी बढ़ जाएगी।

सेहत पर दिखेगा गर्मी का बड़ा असर

मौसम का असर सेहत पर पड़ेगा। मौसम विभाग के अलर्ट के मुताबिक, बच्चों से लेकर बड़ों तक में बीमारी का ग्राफ बढ़ जाएगा। पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेट डॉ. मनोज कुमार सिन्हा का कहना है कि ठंड के बाद अचानक गर्मी बढ़ने से समस्या आती है। इससे बचाव के लिए लाइट कपड़े पहने, पानी अच्छे से पीएं, बाहर का पानी नहीं पीएं, खाने पीने पर ध्यान दें। खाना ताजा खाएं। साथ ही फ्रूट का सेवन अच्छे से करें। बाहर के खाना से बचें। डॉक्टर मनोज का कहना है कि 4 से 5 डिग्री तापमान बढ़ने के साथ ही खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में मौसम के अनुरूप कपड़े पहनकर खान पान में परिवर्तन कर बचा जा सकता है।

मासूमों में बढ़ा निमोनिया का खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि बदलते मौसम में बच्चों को निमोनिया के साथ डायरिया का खतरा बढ़ा है। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के साथ पटना के अन्य अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। पटना मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बच्चों के वार्ड में मरीजों को उल्टी दस्त की समस्या से भर्ती कराया जा रहा है। महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की संख्या को देखते हुए बच्चों के इलाज को लेकर संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं।