दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू नए राष्ट्रपति बन गई है. बीजेपी नेताओं ने ट्विटर पर उन्हें बधाई दी. खबर ये भी है कि 24 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चुने हुए नए राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए डिनर का आयोजन करेंगे. राष्ट्रपति भवन में शाम 7 बजे यह डिनर होगा.

बता दें कि बेहद गरीब और पिछड़े परिवार से आने वाली मुर्मू की जिंदगी में कई कठिनाई रही हैं. उन्होंने पांच साल के अंदर अपने दो जवान बेटों और पति को खो दिया. द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून साल 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में हुआ था. मुर्मू संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था. वह किसान थे. द्रौपदी मुर्मू की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी.दोनों के चार बच्चे हुए. इनमें दो बेटे और दो बेटियां थीं. साल 1984 में एक बेटी की मौत हो गई.

साल 2009 में द्रौपदी मुर्मू के एक बेटी की फिर साल 2013 में दूसरे बेटे की अलगअलग कारणों से मौत हो गई. 2014 में मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू की भी मौत हो गई है. बताया जाता है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था.अब उनके परिवार में सिर्फ एक बेटी है. जिनका नाम इतिश्री है. मुर्मू की स्कूली पढ़ाई गांव में हुई. साल 1969 से 1973 तक वह आदिवासी आवासीय विद्यालय में पढ़ीं.इसके बाद स्नातक करने के लिए उन्होंने भुवनेश्वर के रामा देवी वुमंस कॉलेज में दाखिला ले लिया, मुर्मू अपने गांव की पहली लड़की थीं, जो स्नातक की पढ़ाई करने के बाद भुवनेश्वर तक पहुंची. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात श्याम चरण मुर्मू से हुई.

दोनों की मुलाकात बढ़ी, दोस्ती हुई, दोस्ती प्यार में बदल गई। श्याम चरण भी उस वक्त भुवनेश्वर के एक कॉलेज से पढ़ाई कर रहे थे. द्रौपदी और श्याम चरण दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे थे. दोनों एक साथ आगे का जीवन व्यतीत करना चाहते थे. परिवार की रजामंदी के लिए श्याम चरण विवाह का प्रस्ताव लेकर द्रौपदी के घर पहुंच गए. श्याम चरण के कुछ रिश्तेदार द्रौपदी के गांव में ही रहते थे. ऐसे में अपनी बात रखने के लिए श्याम चरण अपने चाचा और रिश्तेदारों को लेकर द्रौपदी के घर गए थे. तमाम कोशिशों के बावजूद द्रौपदी के पिता बिरंची नारायण टुडू ने इस रिश्ते को लेकर इंकार कर दिया.श्याम चरण भी पीछे हटने वाले नहीं थे। उन्होंने तय कर लिया था कि अगर वह शादी करेंगे तो द्रौपदी से ही करेंगे. द्रौपदी ने भी घर में साफ कह दिया था कि वह श्याम चरण से ही शादी करेंगी. श्याम चरण ने तीन दिन तक द्रौपदी के गांव में ही डेरा डाल लिया. थक हारकर द्रौपदी के पिता ने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी.