ग्रामीणों में फैल रहा आक्रोश, कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे आंदोलन

कोरबा (नव-ऊर्जा) कोरबा जिला भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है।यहां PESA अधिनियम 1996 लागू है, लेकिन देखा जा रहा है कि कोरबा जिला में जितने भी उद्योग और पावर प्लांट स्थापित है, उन सभी से निकलने वाले राखड़ को संबंधित कंपनियां द्वारा सही तरीके से निपटारा नहीं कर रही है। ऐसा ही एक मामला ग्राम भैंसमा से 5 किलोमीटर आगे और नोनबिर्रा  से आधा किलोमीटर पहले सलिहाभांटा में वेदांता (बालको ) पावर प्लांट से निकलने वाले राखड़ को blacksmith  कंपनी द्वारा प्राकृतिक नाले को पूरी तरह पाट के अवरुद्ध कर दिया गया है। जिससे प्राकृतिक नाला पूरी तरह बंद हो गया है।

जन कल्याण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने की घोषणा करने वाले वेदांता कंपनी का कोरबा जिले के जन सामान्य के जीवन को जोखिम में डालने वाली घोर अमानवीय कृत्य पर चिंता जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री दिलीप मिरी ने बताया कि आने वाले समय में बरसात के दिनों में उस क्षेत्र में बरसात का पानी जाने के बाद राखड़ नालों के माध्यम से खेतों में घुसेगा जिससे फसल व जमीन बर्बाद होगा तथा गर्मी के समय में वह राखड़ कोरबा जिले के स्वच्छ हवा में फैलेगा और उसके अलावा उस क्षेत्र के साथ साथ कोरबा शहर में भी राखड़ का अंबार लग जाएगा जिससे यहां के लोगों के जन जीवन में काफी दुष्परिणाम होगा।

जिला प्रशासन कोरबा द्वारा इस तरह के कृत्यों को आंख मूंदकर मौन समर्थन करना और कंपनियों की दलाली करना कोरबा प्रशासन का हिस्सा बन चुका है। क्योंकि अनुमति तो जिला प्रशासन ने ही दिया है अगर जल्द ही इस तरह के अवैध कामों पर रोक नहीं लगाया गया तो निश्चित ही पूरे जिलेवासीयों को इसका खामयाजा भुगतना पड़ेगा। वर्तमान की कांग्रेस सरकार के विरुद्ध आम जनताओं में रोष फैला हुआ है और भविष्य में इसका खामियाजा आने वाले 2023 के चुनाव में कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ेगा।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेता दिलीप मेरी ने यह भी बताया कि सूत्रों से मिली एक जानकारी के अनुसार अब कोरबा जिले का प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र सतरेंगा में भी लगभग 25 एकड़ में राखड़ पाटने की अनुमति SDM कोरबा द्वारा जल्द ही मिलने वाली है। जिसका हम अपने संगठन की ओर से विरोध करेंगे और हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े तब भी हम जाएंगे।