मध्य प्रदेश /भिंड I भिंड के गोहद इलाके में एक पूरे परिवार ने सामूहिक फांसी लगा ली. घटना में तीन लोगों की मोके पर ही मौत हो गई है तो वहीं बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है. बच्ची को इलाज के लिए ग्वालियर रैफर कर दिया गया है. घटना स्थल पर एफएसएल (FSL) के साथ पुलिस कप्तान भी मौके पर पहुचे हैं. ये घटना गोहद से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कठमा गुर्जर गांव की है.
जानकारी के अनुसार, गांव में रहने वाले धर्मेंद्र गुर्जर ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ फांसी लगा ली. जिसमे धर्मेंद्र उसकी पत्नी अमरेश और 12 वर्षीय बेटे प्रशांत की मौत हो गयी, वहीं स्थानीय लोगों की मदद के चलते 9 साल की मासूम बेटी मीनाक्षी की जान बचा ली गयी लेकिन उसकी हालत गंभीर होने के चलते उसे प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रैफर कर दिया गया है. घटना के पीछे के कारणों का तो अब तक पता नही चल सका है.
इस तरह मिली घटना की जानकारी
दरअसल धर्मेंद्र उसका परिवार हमेशा सुबह 6 बजे तक सो कर जाग जाता था लेकिन शनिवार सुबह जब समय निकलने के बाद भी घर का दरवाजा नही खुला तो आस पास रहने वाले परिजन अचंभित हुए और घर का दरवाजा खटखटाया तो न किसी ने अंदर से आवाज दी और न ही दरवाजा खोला. ध्यान से सुनने पर अंदर से बच्ची के सिसकने की आवाज आ रही थी. इसके बाद पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को फ़ोन किया. फोन करने बाद पुलिस मौके पर पहुंची.
वीडियो बनाते हुए खोला गया घर का दरवाजा
बताया जा रहा है कि अनहोनी के डर से थाना प्रभारी ने पुलिस कर्मियों को दिशा निर्देश दिए थे कि दरवाजा खोलते समय से लेकर अंदर जाने तक का वीडियो बना लेना. जब पुलिस दरवाजा खुलवा कर घर मे दाखिल हुई तो पता चला कि कमरे में धर्मेंद्र गुर्जर और उसकी पत्नी अमरेश फांसी पर लटके हुए थे, वहीं धर्मेंद्र का 12 साल का बड़ा बेटा प्रशांत ज़मीन पर पड़ा हुआ था तीनों की मौत हो चुकी थी. कमरे में ही ज़मीन पर पड़ी 9 साल की मासूम बेटी मीनाक्षी भी तड़प रही थी, जिसके गले पर भी फंदे के निशान थे. पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत बच्ची को गोहद अस्पताल भिजवाया और उसे प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रैफर कर दिया गया.
भिंड एसपी भी मौका ए वारदात पर पहुंचे
घटना की जानकारी लगते ही भिंड एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान भी मौके पर पहुचे और पूरे हालातों का खुद जायजा लिया. वहीं भिंड से फॉरेंसिक टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी और गहन जांच में जुट गई है. हालांकि पूरे परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया इस बारे में कोई जानकारी अब तक सामने नही आ सकी है. उधर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि घटना में बचने बाली 9 साल की मासूम मीनाक्षी का इलाज ग्वालियर अस्पताल में चल रहा है जहां पर उसकी नॉर्मल स्थिति होने पर ही वो बता सकती है कि पूरे परिवार द्वारा आत्महत्या के पीछे क्या कारण रहा.