कोरबा। विद्युत कंपनी में कार्यरत भू- विस्थापित कर्मचारियों ने वर्ष 2016 से लंबित वेतन पुनरीक्षण का लाभ दिलाए जाने पर कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर का सम्मान किया। इस मौके पर विधायक कंवर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार जनता की है और जनहित के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहकर ही कार्य कर रही है। बिजली कर्मचारियों के पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू कराने कंपनी प्रबंधन से चर्चा की जाएगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन ग्रामीणों की जमीनों पर संयंत्र स्थापित किए गए, उन्हीं लोगों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है। यह पूर्ववर्ती सरकार के दौरान लिए गए गलत निर्णय का परिणाम है। इन विसंगतियों के शीघ्र निराकरण के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई करने मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध किया जाएगा।
एचटीपीपी कोरबा पश्चिम स्थित इरेक्टर हास्टल के सभागार में कोरबा पूर्व, कोरबा पश्चिम व मड़वा तेंदूभांठा संयंत्र के भू-विस्थापित कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से 2016 लंबित वेतन पुनरीक्षण का लाभ दिलाए जाने के लिए सकारात्मक प्रयास के लिए आभार ज्ञापित करने के साथ सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पावर कंपनीज के अध्यक्ष अंकित आनंद के प्रति भी आभार प्रकट किया गया। कर्मचारियों की ओर से अटल मड़वा- तेंदूभांठा संयंत्र के महेंद्र राठौर, राघवेन्द्र राठौर, धर्म प्रकाश तिवारी, कोरबा पूर्व संयंत्र के सुनील कर्ष, रजनीकांत कुर्रे, संजय दिव्य, उदय राठौर तथा कोरबा पश्चिम संयंत्र की ओर से शब्बीर मेमन, गणेश जायसवाल, कीर्तन मार्बल, मोहन कंवर आदि ने संबोधित किया। शब्बीर मेमन ने बताया कि कंपनी द्वारा वर्ष 2014 एवं केंद्र द्वारा घोषित सातवें वेतनमान के आधार पर वर्ष 2016 से वेतन पुनरीक्षण आदेश वर्ष 2017 में जारी किया गया था। इसका लाभ केवल भू-विस्थापित कर्मचारियों को छोड़कर सभी को समान रुप से प्रदान किया गया। कटघोरा विधायक के प्रयास से इस वेतन पुनरीक्षण का संशोधन आदेश एक माह पूर्व ही जारी किया। वर्ष 2014 के स्थान पर वर्ष 2016 से और इस आदेश में वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक के वेतन के अंतर की एरियर्स राशि नहीं प्रदान किए जाने का आदेश जारी कर इन कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। इस दौरान जन्मेजय सिंह कंवर (गौंटिया) के अलावा, रामशरण सिंह, रमेश अहीर, घनश्याम पटेल, रमेश साहू, दयाल देवांगन, रामगोपाल यादव, मनरूप कंवर, मणिशंकर गांगुली, राजू सारथी, अमृत डहरिया, उमेश मिसरा, पुष्पेंद्र भारिया, बसंत महंत, शिवशंकर सिहानी, थानेश, मधुकर, चंद्र कुमार, विष्णु कंवर, शिवनाथ सिंह कंवर, मनोज साहू, जयप्रकाश कंवर, नारायण साहू, कृष्णगोपाल यादव का विशेष योगदान रहा।