- कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर अस्पताल ले गयी निहारिका……
- लोगों ने फोटो खींची, लेकिन मदद नहीं की…..
- नहीं बची ससुर की जान, अब खुद भी पॉजेटिव
गुवाहाटी 12 जुन 2021। निहारिका की एक तस्वीर देख आप भी कह उठेंगे- बहू तो ऐसी। आजकल की बहुएं जहां सास-ससुर को दुत्कारने और लड़ाई-झगड़े के लिए बदनाम रहती है…वहीं निहारिका ने ससुर की सेवा की मिसाल पेश की है। असम के नगांव की रहने वाली निहारिका अपने कोरोना पॉजेटिव ससुर का इलाज कराने के लिए पीठ पर लादकर करीब दो किलोमीटर तक पैदल चली। निहारिका दास की ससुर को अस्पताल ले जाते एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में निहारिका ससुर को पीठ में टांगे हुए चलती दिख रही है। कोरोना पॉजेटिव ससुर को ले जाते बहु की तस्वीर तो कईयों ने खींची, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। दरअसल निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास कोरोना के संदिग्ध लक्षण थे। इलाज कराने के लिए 70 साल के ससुर को अस्पताल ले जाना था। थुलेश्वर की तबीयत इतनी ज्यादा खराब थी कि वो चल नहीं पा रहे थे। ऐसे में नगांव के भाटीगांव के थुलेश्वर राहा की बहु ने उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी की।
गांव में आटो नहीं आ सकता था, काफी मशक्कत के बाद एक रिक्शा गांव से करीब दो किलोमीटर दूर तक आने क राजी हो गया। ऐसे में घर से दो किलोमीटर दूर खड़े रिक्शा तक निहारिका ने अपने ससुर को पीठ पर टांगकर पहुंचाया। बहू के मुताबिक, परेशानियां यहीं खत्म नहीं हुई थीं। स्वास्थ्य केंद्र में ससुर का टेस्ट पॉजिटिव आया। डॉक्टर ने ससुर की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें 21 किमी दूर नगांव के कोविड हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा। स्वास्थ्य केंद्र से उन्हें एंबुलेंस या स्ट्रेचर नहीं दिया गया। इसके बाद मैंने एक प्राइवेट कार का इंतजाम किया। इसके लिए भी मुझे ससुर को पीठ पर उठाकर काफी दूर चलना पड़ा। लोग घूरकर देख रहे थे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। ससुर लगभग बेहोश ही हो गए थे। उन्हें उठाने के लिए मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से काफी ताकत लगानी पड़ी।
निहारिका ने कहा कि नगांव पहुंचकर भी मुझे कोविड अस्पताल में ससुर को पीठ पर उठाकर सीढ़ियां चढ़नी पड़ीं। वहां मैंने मदद के लिए कहा, लेकिन कोई व्यक्ति आगे नहीं आया। मुझे लगता है कि मैं उस दिन ससुर को पीठ पर उठाकर करीब 2 किमी तक चली थी। इसी दौरान किसी ने निहारिका की फोटो खींच ली होगी।