नईदिल्ली I गुणवत्ता के मुद्दे पर तुर्की द्वारा भारतीय गेहूं को ठुकराए जाने की खबर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि भारत के गेहूं को एक देश ने अस्वीकार करके वापस भेजा। मामले की जांच करने पर पता चला कि ये निर्यात आईटीसी लिमिटेड का था। आप सब जानते हैं कि आईटीसी लिमिटेड कितनी बड़ी कंपनी है।
उन्होंने कहा कि आपको जान कर हैरानी होगी कि ये माल नीदरलैंड ने आईटीसी से खरीदा था। ये तुर्की के लिए था ये बात आईटीसी को पता ही नहीं थी, उन्होंने खुद न्यूज रिपोर्ट में पढ़ा और जो नीदरलैंड की जरूरत थी उसके हिसाब से इस माल की अच्छी तरह से जांच की गई थी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आईटीसी ने नीदरलैंड की गंतव्य के हिसाब से ही गेहूं को निर्यात किया था। कब वो डायवर्ट हुई और ये किसने किया ये, आईटीसी को इसकी कोई जानकारी नहीं है। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत का गेंहू अच्छी क्वालिटी का होता है। मामले में उनके अधिकारी जांच कर रहे हैं।
इससे पहले रूस-यूक्रेन के बीच पैदा हुए गेहूं संकट के बीच तुर्की ने भारत से गए गेहूं की 56,877 टन की खेप को 29 मई को लौटा दी थी। इस्तांबुल के एक कारोबारी द्वारा गेहूं में रुबेला वायरस पाए जाने की बात कही गई थी, जिससे तुर्की के कृषि मंत्रालय ने इस खेप को वापस कांडला बंदरगाह भेज दिया। जून के मध्य तक यह जहाज वापस आ जाएगा। भारत के खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि सरकार तुर्की के अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी है और निर्यातकों का दावा है कि इसके लिए सभी जरूरी मंजूरी ली गई थी।