राजस्व मंत्री ने किसानों से किया आव्हान

कोरबा:- प्रदेश में सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी और रोका-छेका कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के निर्देश पर पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी रोका छेका अभियान का आज 01 जुलाई को सभी गौठानों में प्रारंभ किया गया। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रदेश के किसानों से आव्हान करते हुए आग्रह किया है कि किसान अपने मवेशियों को चारा चरने के लिए खुले में छोड़ने के बजाय पास के गौठानों में छोड़े। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के निर्देश पर संचालित गौठानों में हरा-चारा, पैरा, पानी, छाया आदि की व्यवस्था की गई है। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया मवेशियों को गौठानों में रखने से जहॉ खेतों में लगी फसल सुरक्षित होंगे वहीं मवेशियों के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनेगा तथा शहर और गांव के सड़कों पर गंदगी नही होगी।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 02 रूपये प्रति किलो की दर से गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। यह योजना देश-दुनिया की अनूठी योजना है। इस योजना से ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों को सीधे आर्थिक लाभ होने के साथ ही कई और फायदे जैसे खुले में पशुचराई तथा फसलों को चराई की वजह से होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। गोबर से गंदगी फैलने से निजाद मिलेगा वहीं गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनेगा जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और रासायनिक खादों पर निर्भरता तथा खेती की लागत में कमी आएगी। विष रहित खाद्यान्न का उत्पादन होगा। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार की इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नरवा, गरवा, घुरवा, बारी और रोका छेका के सफल संचालन के लिए किसानों सहित ग्रामवासी, गौठान समिति, महिला स्व सहायता समूह के सदस्य, पंच, सरपंच, पार्षद, जनप्रतिनिधिगण आदि के प्रयास सराहनीय सिद्ध होंगे।
उन्होने बताया कि नरवा कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य नरवा संरक्षण के माध्यम से कृर्षि एवं कृर्षि से संबंधित गतिविधियों को बढ़वा देना है साथ ही जल स्त्रोतों का संरक्षण एवं उनको पुर्नजीवित करना ताकि सतही जल बहकर अन्यत्र न जाए, भूगर्भीय जल में वृद्धि हो। गरवा कार्यक्रम के तहत पशुओं का रख-रखाव पालन-पोषण व देख-रेख के लिए गौठानों का संचालन कर गरवा संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। घुरवा कार्यक्रम का उद्देश्य कृर्षि तथा जैविक अपशिष्टों से जैविक खाद का निर्माण कर किसानों को उसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। इससे भूमि की उर्वरता तथा कृर्षि आय में वृद्धि सुनिश्चित होगी।
बारी कार्यक्रम के तहत पारंपरिक घेरलू बाड़ियों में सब्जियों, फल, फूल के उत्पादन को बढ़ावा देकर पोषक आहार की उपलब्धता सहित अतिरिक्त आय की वृद्धि सुनिश्चित होगी। इसी प्रकार रोका छेका कार्यक्रम के तहत, मवेशियों का देख-रेख, पालन-पोषण उचित रख रखाव के साथ किसानों के फसल की सुरक्षा, सड़कों व गली मोहल्ले की साफ-सफाई गोबर की उचित उपयोगिता सहित अनेकों लाभ होंगे।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि सुराजी ग्राम योजना में 10,057 गौठान निर्माण की मंजूरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी है जिसमें 5820 गौठान बहुआयामी आर्थिक सांस्कृतिक गतिविधियॉ का केन्द्र बन चुके है और 20 फीसदी गौठान पूरी तहर आत्मनिर्भर है। उसी प्रकार गोधन न्याय योजना के तहत् अब तक 1.70 लाख पशुपालकों को गोबर खरीदी के 96.64 लाख तथा गौठान समितियों व स्व सहायता समूहों को 17.55 करोड़ रूपये का लाभांश प्राप्त हुआ है। गौठानों में 5 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। वर्तमान में गौठानों में उत्पादित 11 करोड़ रूपये का वर्मी कम्पोस्ट विक्रय के लिए उपलब्ध है।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जी के इस अनूठी योजना का स्वागत् करते हुए प्रदेश के किसानों से इन योजनाओं का लाभ उठाने अपील किया है।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इन योजनाओं से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी, गौठान समिति के पदाधिकारी-सदस्य, गौठान संचालन करने वाले समूह समिति से सफल संचालन के लिए आह्वान किया है।