कोरबा/पाली:- महिला एवं बाल विकास पाली परियोजना का हाल क्या है यह तो किसी से छुपा नही रह गया है जहां बच्चों एवं गर्भवती, शिशुवती माताओं को वितरण होने वाले पोषण आहार (रेडी टू ईट) की आड़ में प्रतिमाह लाखों का वारा- न्यारा करने वाले इस मलाईदार विभाग को शासन से मिली चारपहिया वाहन गत कई महीनों से खराब होकर पड़ी हुई है जिस ओर परियोजना अधिकारी द्वारा ध्यान नही दिए जाने के कारण मरम्मत के अभाव में खड़ी- खड़ी कंडम होते जा रही है। परियोजना कार्यालय के अधीन आने वाले सभी सेक्टरों में जाकर निर्मित होने वाले रेडी टू ईट की गुणवत्ता जांचने तथा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने वर्षों पूर्व भी शासकीय चारपहिया ट्रेक्स वाहन पाली परियोजना कार्यालय को प्रदाय किया गया था जिसका उपयोग तो किया जा रहा था लेकिन खराबी आने के कारण उसे भी मरम्मत कराने के बजाय खड़ा कर दिया गया जो वर्तमान में पूरी तरह से कंडम होकर कबाड़ में तब्दील हो गया है और जिसके पहिया सहित अनेक पार्ट्स भी गायब हो चुके है। इसी के तर्ज पर अच्छी- खासी जीप वाहन भी खराब होकर खड़ी है तथा मरम्मत के अभाव में धीरे- धीरे कंडम होने लगी है। जानकारी के अनुसार पाली परियोजना कार्यालय में शासकीय तौर पर एक वाहन चालक की भी नियुक्ति है लेकिन जब वाहन ही महीनों से खराब खड़ी है तो फिर चालक को आखिर किस सेवा का तनख्वाह दिया जा रहा है..? आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों के हिस्से में आने वाले रेडी टू ईट व कुपोषित बच्चों के लिए उपलब्ध अंडा, पौष्टिक चिक्की, बिस्किट एवं गर्भवती, शिशुवती माताओं सहित शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं के हक के पोषण आहार पर प्रतिमाह डांका डालकर महिला स्व. सहायता समूह की आड़ में लाखों का वारा- न्यारा करने वाले विभाग कागजों में कुपोषण दूर कर रहा है और हर सेक्टर से माहवारी कितना आ रहा है इसकी चिंता है लेकिन सरकारी संपत्ति के रख- रखाव की ओर जरा भी चिंता नही है जिसके कारण शासन से मिली जीप क्रमांक- CG 02 4402 मरम्मत का जोह बांट रहा है। शायद महिला बाल विकास के मनमाने कार्यों पर अंकुश लगाने वाला कोई नही इसीलिए यहां भारी निष्क्रियता एवं भर्राशाही का आलम है।