नई दिल्ली: फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 49 फीसदी का उछाल देखने को मिला. वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरूण बजाज ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी. फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के टैक्स कलेक्शन से जुड़े आंकड़ों की जानकारी देते हुए बजाज ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.10 लाख करोड़ रुपये पर रहा. यह पिछले वित्त वर्ष के बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रहा.
बजाज ने बताया कि फाइनेंशियल 2021-22 में ग्रॉस टैक्स कलेक्शन 27.07 लाख करोड़ रुपये पर रहा. सरकार को कस्टम्स से होने वाली आमदनी में 41 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. रेवेन्यू सेक्रेटरी ने साथ ही कहा कि टैक्स रेवेन्यू में सुधार इकोनॉमी की लचीलपन को दिखाता है.
उन्होंने बताया कि एक्साइज ड्यूटी का कलेक्शन भी बजट अनुमान से अधिक रहा. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के रूप में 12.90 लाख करोड़ रुपये जुटाए. यह 11.02 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से ज्यादा रहा. फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में टैक्स-टू-जीडीपी रेशियो 11.7 फीसदी पर रहा. वित्त वर्ष 2020-21 में टैक्स-टू-जीडीपी रेशियो 10.3 फीसदी पर रहा था. यह 1999 के बाद सबसे ज्यादा है.