New Delhi.लोकसभा में सवाल किया गया कि देश में मॉब लिंचिंग के मामलों की संख्या कितनी है, इसपर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब देते हुए बताया कि मॉब लिंचिंग का कोई डेटा मेटेंन नहीं किया गया है. एनसीआरबी (NCRB) द्वारा मॉब लिंचिंग के लिए अलग से कोई डेटा नहीं बनाया गया है. एनसीआरबी विभिन्न अपराध शीर्षों के तहत सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से अपराध डेटा प्रकाशित करता है, जो आईपीसी और विशेष और स्थानीय कानूनों के तहत परिभाषित हैं.
उन्होंने कहा है कि सरकार मौजूदा आपराधिक कानूनों की व्यापक समीक्षा करने, उन्हें मौजूदा कानून व्यवस्था के हिसाब से प्रासंगिक बनाने और जल्द से जल्द न्याय दिलाने का इरादा रखती है. उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सरकार ने स्टेक होल्डर्स से बातचीत करके क्रिमिनल लॉ में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की है. आपको बता दें कि 15 मार्च को भी संसद में लिंचिग को लेकर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता के तहत, लिंचिंग को अपराध के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है. NCRB ‘अभद्र भाषा’ (hate speeh) का डेटा मेंटेन नहीं करता. मॉब लिंचिग और हेट क्राइम का डेटा प्रकाशित क्यों नहीं किया गया है, इस पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि साल 2017 में, एनसीआरबी ने मॉब-लिंचिंग, हेट क्राइम जैसे मामलों का डेटा इकट्ठा किया था, लेकिन पाया गया कि वह भरोसे लायक डेटा नहीं था. इसके अलावा गृह मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि 30 अगस्त 2019 से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की शुरुआत की गई थी. तब से अब तक यानी फरवरी 2022 तक, इस पोर्टल पर करीब 9 लाख साइबर अपराध दर्ज किए जा चुके हैं.