ब्लैक बोर्ड की जगह प्रोजेक्टर, किताब की जगह वीडियो और थ्री D एनिमेशन…

कोरबा 15 जुलाई 2021। माडर्न एजुकेशन को लेकर कोरबा में बड़ी क्रांति होने वाली है। प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में अब स्मार्ट क्लासरूम में बनने जा रहा है। इन स्कूलों में ब्लैक बोर्ड की जगह प्रोजेक्टर और कलम-कॉपी की जगह डेस्कटॉप और की-बोर्ड होगी। कोरबा में प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर सरकारी स्कूलों में डिजिटलाइज करने की कवायद शुरू हो गयी है। शिक्षा विभाग की यह महत्वकांक्षी कार्ययोजना भी अब अपने अंतिम चरण में है।

नये बदलाव के तहत पढ़ाई और सीखने का अनुभव स्कूली बच्चो के अनुरूप होगा जहां अध्यापक के बजाए सवालो का हल खुद स्मार्ट प्रॉजेक्टर के माध्यम से होगा. पहले वीडियो क्लासेस के माध्यम से वीडियो और चित्रों की मदद से पढ़ाई कराई जाती थी, लेकिन स्मार्ट प्रोजेक्टर से अब ना सिर्फ पढ़ाई के लिए चलचित्र का इस्तेमाल होगा, बल्कि थ्री डी एनिमेशन और 360 डिग्री के फुटेज से पूरे अध्यापन कार्य को अधिक प्रभावी रूप दिया जा सकेगा. इसका फायदा स्कूली बच्चो के मानसिक विकास पर नजर आएगा. इंटरनेट की समझ बढ़ेगी, वे सॉफ्टवेयर तकनीकों को ना सिर्फ समझ सकेंगे बल्कि परंपरागत उपायों से अलग अपने समय की बचत कर ज्यादा से ज्यादा एकुजेशनल एक्टिविटी में खुद को व्यस्त रख सकेंगे.

इस तरह वे अपने घरेलू स्मार्टफोन का उपयोग दूसरी चीज़ो के बजाए सवालो को हल करने के सरलतम तरीके ढूंढने में करेंगे. शिक्षा विभाग ने बताया कि पहले के पारंपरिक प्रोजेक्टर सिर्फ वीडियो के लिए उपयोग में लाया जाता था जोकि टूडी टेक्नोलॉजी पर आधारित होता था. फिलहाल जो स्मार्ट प्रोजेक्टर लगाया जा रहा है वह काफी हाईटेक होगा. प्रोजेक्टर का फोकस किसी भी दीवाल पर पड़ते ही वो दीवाल बोर्ड काम करेगा वीडियो के बीच में ही शिक्षक मार्कर मैजिक बोर्ड के जैसे ही फोकस एरिया में ड्रॉ कर छात्रों को उसे समझा सकते है शिक्षक द्वारा की गई कवायद न केवल प्रदर्शित होगी बल्कि वो ऑटोमेटिक तरीके से वीडियो में सेव भी होती जाएगी ताकि भविष्य में उसको दुबारा से देखा व समझा जा सकता है।