प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंक के दम पर तोड़ने वाली शक्तियां भले ही कुछ समय के लिए हावी हो जाएं लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता और वह मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं। प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने यह बात कही। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। प्रधानमंत्री के इस बयान को अफगानिस्तान की परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
सोमनाथ मंदिर को विदेशी आक्रांताओं द्वारा बार-बार तोड़े जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में कोई भी व्यक्ति इस भव्य संरचना को देखता है तो उसे केवल एक मंदिर ही नहीं दिखाई देता बल्कि उसे एक ऐसा अस्तित्व दिखाई देता है जो सैकड़ों हजारों सालों से प्रेरणा देता आ रहा है और जो मानवता के मूल्यों की घोषणा करता है। पीएम मोदी ने कहा, ‘यह स्थान आज भी पूरे विश्व के सामने यह आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता। आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता। इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, वह उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ।’
प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘भगवान सोमनाथ का मंदिर आज भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए एक विश्वास है। जो तोड़ने वाली शक्तियां है… जो आतंक के बलबूते सामर्थ्य खड़ा करने वाली सोच है… वह किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाए लेकिन उसका अस्तित्व कभी अस्थाई नहीं होता। वह ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं।’ उन्होंने कहा कि यह बात तब भी इतनी ही सही थी जब कुछ आतताई सोमनाथ मंदिर को गिरा रहे थे और आज भी इतनी ही सही है जब विश्व ऐसी विचारधाराओं से आशंकित है।