नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर इस समय सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि आखिर वायरस हवा में कितनी देर तक संक्रामक रहता है? ब्रिटेन में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में कोरोना वायरस के संक्रमण की प्रवृत्ति को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है. रिसर्च के मुताबिक एक बार सांस छोड़ने के बाद कोरोना वायरस हवा में पांच मिनट तक ही संक्रामक होता है. रिसर्च में बताया गया कि वायरस के कण हवा के संपर्क में आने के बाद सिर्फ अधिकतम पांच मिनट तक ही संक्रामक रहते हैं.

प्री प्रिंट अध्ययन के अनुसार वायरस की शुरुआती संक्रामकता 20 मिनट में 10 प्रतिशत कम हो जाती है. कोरोना वायरस की संक्रामकता को जानने के लिए एक खास तरह की किट और एक इलेक्ट्रिक क्षेत्र का प्रयोग किया गया था. इस इलेक्ट्रिक क्षेत्र में ठीक उसी प्रकार के सामान्य वातावरण बनाया गया जैसे होता है. फिर इसमें वायरस की कई छोटी बूंदों को प्रवेश कराया गया.

रिसर्च में सामने आया कि कम सापेक्ष आर्द्रता के संपर्क में आने पर वायरस की संक्रामकता सिर्फ 5 मिनट के अंदर 54 प्रतिशत तक घट गई. दिलचस्प बात यह है कि हालांकि कम आरएच पर संक्रामकता में प्रारंभिक नुकसान लगभग तुरंत होता है, फिर भी वायरस की संक्रामकता अधिक स्थिर रहती है, जो अगले 5 मिनट में औसतन 19% कम हो जाती है. हालांकि अभी भी इस निष्कर्षों की समीक्षा किया जाना बाकी है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से एक बार फिर से दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आया है. भारत में प्रतिदिन कोरोना मामलों की संख्या हजारों में बढ़ रही है. ऐसे में वैज्ञानिक कोरोना की संक्रामकता को लेकर लगातार अध्ययन में जुटे हुए हैं. तेजी से बढ़ते मामलों के बीच हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को कोविड प्रोटोकॉल और सार्वजनिक जगहों पर जाने पर मास्क के प्रयोग की सलाह भी दे रहे हैं.