नईदिल्ली I महिला आयोग के एक पत्र के बाद, केंद्र ने शुक्रवार को विज्ञापन एजेंसियों और कंपनियों को गलत और रेप को बढ़ावा देने वाले बॉडी-स्प्रे विज्ञापनों को हटाने के लिए कहा है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऐसे सभी विवादास्पद विज्ञापनों को हटाने का आदेश दिया और कहा कि मामले की विज्ञापन संहिता के अनुसार जांच की जा रही है. यह आदेश दिल्ली महिला आयोग द्वारा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को लिखे गए एक पत्र के बाद आया है. यह विवाद मुख्य रूप से परफ्यूम ब्रांड लेयर’आर शॉट (Layer’r Shot Ad) के एक विवादास्पद विज्ञापन को नेटिजन्स द्वारा ट्रोल किए जाने के बाद शुरू हुआ था.

दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी

पैनल ने शनिवार को कहा कि विज्ञापन ने ‘सामूहिक बलात्कार को बढ़ावा दिया’ और इस मामले पर दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया गया है. आपत्तिजनक विज्ञापन को लेकर पत्र में कहा गया है कि दिल्ली महिला आयोग को एक परफ्यूम ब्रांड के महिला विरोधी विज्ञापन का पता चला है. ठाकुर को लिखे अपने पत्र में मालीवाल ने विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने के लिए मंत्रालय से तत्काल कार्रवाई की मांग की. केंद्र ने यूट्यूब और ट्विटर को इस विवादित विज्ञापन को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया है.

ब्रांड पर भारी जुर्माने की मांग

उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ जांच और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए मजबूत सिस्टम बनाया जाना चाहिए कि रेप को बढ़ावा देने वाले ऐसे गंदे विज्ञापन फिर कभी नहीं दिखाए जाएं. उन्होंने परफ्यूम ब्रांड पर भारी जुर्माना लगाने की भी मांग की ताकि अन्य कंपनियां इससे सबक ले सकें. दिल्ली पुलिस को 9 जून तक मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा गया है.

ऑफ एयर होंगे विज्ञापन?

दिल्ली पुलिस और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मालीवाल ने कहा कि यह कैसी रचनात्मकता है जो खराब पुरुषत्व को बढ़ावा देती है और सामूहिक बलात्कार की संस्कृति को प्रोत्साहित करती है? इसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए, विज्ञापनों को ऑफ एयर किया जाना चाहिए और इस कंपनी पर सबसे बड़ा जुर्माना लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिना समय बर्बाद किए मामले पर तत्काल कार्रवाई करें.

Layer’r Shot विज्ञापन पर छिड़ा विवाद

लेयर’आर शॉट परफ्यूम और बॉडी स्प्रे के दो नए विज्ञापनों की ट्विटर पर जमकर आलोचना की जा रही है. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म यूजर्स का कहना है कि ये विज्ञापन बलात्कार संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं. दोनों विज्ञापनों को नेटिजन्स से तीखी प्रतिक्रिया मिल रही है, कई लोग पूछ रहे हैं कि इस तरह की घृणित सामग्री को किसने मंजूरी दी.