कीव. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत का सिलसिला जारी है। दोनों देशों के बीच तीन चरणों की बातचीत हो चुकी है हालांकि अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। वहीं रूस ने धमकी दी थी कि अगर कोई अन्य देश यूक्रेन की मदद करता है तो उसे भी युद्ध में शामिल माना जाएगा। अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध तो लगाए ही हैं और अब NATO देशों को यूक्रेन को फाइटेर जेट देने की भी मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी किसी देश ने यूक्रेन को लड़ाकू विमान देने का कोई मजबूत प्लान नहीं बताया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और यूरोपीय देशों से कीव की मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन की सेना को फाइटर जेट देकर सहायता करें। रिपोर्ट्स के मुताबिक पोलैंड मिग- 29s भेजना चाहता था। बाद में इससे इनकार कर दिया गया। पोलैंड के अलावा अन्य नाटो देश भी इस मामले में मदद का हाथ बढ़ाने को तैयार नहीं हैं।

सैन्य शक्ति के मामले में रूस का यूक्रेन के साथ कोई मुकाबला नहीं है। रूस की वायुसेना भी बेहद ताकतवर है। यूक्रेन के पास कुल 67 फाइटर जेट और 34 अटैक हेलिकॉप्टर हैं। वहीं रूस के पास 1500 फाइटर एयरक्राफ्ट और 538 हेलिकॉप्टर हैं। सवाल यह था कि अगर पोलैंड यूक्रेन को फाइटर जेट देता है तो इसे पोलिश पायलट ही उड़ाएंगे या फिर यूक्रेन के पायलट के हाथ में सौपेंगे। दोनों हि स्थितियों में पोलैंड को सीधे तौर पर युद्ध में शामिल माना जाता।

अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि वह न तो थल सेना और न ही वायुसेना को यूक्रेन की मदद के लिए भेजेगा। ऐसे में यह सोचना भी मुश्किल है कि कोई औऱ देश फाइटर जेट भेजकर यूक्रेन की मदद करेगा। अमेरिका ने कहा है कि युद्ध में भाग न लेकर भी हर तरह से यूक्रेन की सहायता की जाएगी। अमेरिका का कहना है कि उसने करोड़ों डॉलर देकर यूक्रेन की मदद की है। इसके अलावा वह मिलिट्री ट्रेनिंग भी देता रहता है।