गुवाहाटी I असम में बाढ़ के हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में बाढ़ की स्थिति बुधवार को और खराब हो गई। बुधवार को बाढ़ के कारण 12 और लोगों की मौत हो गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 31.5 लाख हो गई है। वहीं, कछार जिले का सिलचर शहर पिछले 10 दिनों से पानी में डूबा हुआ है।

12 लोगों की हुई मौत 
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि बाढ़ के कारण 11 लोगों की और भूस्खलन के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। आज हुई मौतों के बाद इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 151 हो गई है। इसके अलावा 26 जिलों में  बाढ़ से प्रभावितो की संख्या बढ़कर 31.54 लाख हो गई है। ये संख्या पिछले दिन 24.92 लाख थी।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि सिलचर कस्बे के अधिकांश इलाकों में पानी भर गया है। यहां के निवासियों को भोजन, पीने के पानी और दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बेथकुंडी में बांध टूटने के कारण सिलचर पिछले 10 दिनों से जलमग्न है। उन्होंने बताया कि बेथकुंडी में बांध की मरम्मत का काम चल रहा है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित लोगों तक स्वच्छ पेयजल एवं भोजन पहुंचाने को प्राथमिकता दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिलचर के सभी 28 नगर निगम वार्डों में जल जनित रोगों की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

इतने लोग हुए हैं प्रभावित
गौरतलब है कि बाढ़ से राज्य भर में 79 राजस्व मंडलों के 2,675 गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांवों के 3,12,085 लोगों ने 569 राहत शिविरों में शरण ली है। एएसडीएमए के मुताबिक, बाढ़ के कारण कछार के 14.30 लाख लोग सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके बाद बारपेटा में 5.49 लाख लोग और नगांव जिले में 5.19 लाख लोग प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण राज्य में पांच तटबंध टूट गए हैं और 177 सड़कें और पांच पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, कोकराझार, लखीमपुर, मोरीगांव, नागांव, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सालमारा, तामुलपुर और तिनसुकिया जिलों में बड़े पैमाने पर कटाव की सूचना मिली है।