बेंगलुरु I कर्नाटक हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को अदालत के आदेशों का पालन नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अब किसी आईएएस अधिकारी को जेल भेजने का समय है। एकल न्यायाधीश पीठ ने 19 जुलाई, 2021 को राज्य की विभिन्न नगर पालिकाओं में ग्रुप-सी को ग्रुप-बी नौकरियों के साथ विलय करने के संबंध में मसौदा संशोधन नियमों के दो महीने के भीतर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था।

अदालत ने अधिकारियों को तलब किया 
कर्नाटक नगर पालिका कर्मचारियों के एक कर्मचारी संघ ने एकल न्यायाधीश के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना याचिका दायर की थी। मामला 31 मई 2022 को सुनवाई के लिए आया लेकिन राज्य सरकार अधिसूचना जारी करने में विफल रही। अदालत ने सुनवाई 6 जून तय की थी और शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश सिंह और नगर प्रशासन के निदेशक एम एस अर्चना को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

सोमवार को दोनों अधिकारी मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली अदालत की खंडपीठ के समक्ष उपस्थित हुए। अतिरिक्त महाधिवक्ता ध्यान चिनप्पा ने अदालत को सूचित किया कि मसौदा नियम 3 जून को तैयार और अधिसूचित किए गए हैं। 15 दिनों के भीतर आपत्तियां दर्ज की जा सकती हैं। इस बात का जिक्र करते हुए एक हलफनामा कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने सबमिशन दर्ज किया और मामले को छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख को भी अधिकारी कोर्ट में मौजूद रहें।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अधिकारी उसके आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें अदालत में बुलाया गया था और आदेश का एक हद तक ही पालन किया गया। अदालत ने कहा कि अब किसी आईएएस अधिकारी को जेल भेजने का समय है, क्योंकि अदालत के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है।