इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही है। इमरान खान की हुकूमत किसी भी कीमत पर वोटिंग टालना चाहती है। विपक्षी गठबंधन वोटिंग कराने पर अड़ा है और सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हवाला दे रहा है। इस बीच, वहां के मीडिया पर भी बहस चल रही हैं। इमरान एक महीने से भारत की तारीफ में कसीदे गढ़ और पढ़ रहे हैं। शनिवार को एक टीवी चैनल पर सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर और कुछ दूसरे जर्नलिस्ट ने खान को भारत की तारीफ पर आईना दिखाया। यहां जानिए, क्या बातचीत हुई और क्यों हुई।

भारत की नजर हम पर
हामिद मीर ने कहा- भारत हमारा पड़ोसी मुल्क है। वहां से मुझे कई मैसेज आ रहे हैं। वहां इमरान की हर हरकत को बहुत दिलचस्पी से देखा जा रहा है। भारत की एक पत्रकार ने मुझे मैसेज किया। लिखा- इमरान खान एक महीने में पांच बार भारत की तारीफ कर चुके हैं। हमारी डेमोक्रेसी और फॉरेन पॉलिसी की दिल खोलकर सराहना कर रहे हैं। भारत कभी भी अमेरिका या रूस का मोहरा नहीं बना। आज इमरान भारत को बहुत खुद्दार मुल्क बता रहे हैं। इसी इमरान ने कुछ वक्त पहले हमारे प्रधानमंत्री के बारे में बहुत गंदे अल्फाज इस्तेमाल किए थे।

1999 में सरकार गिरने के बाद मीडिया से मुखातिब अटल बिहारी वाजपेयी।
1999 में सरकार गिरने के बाद मीडिया से मुखातिब अटल बिहारी वाजपेयी।

अटल जी के भाषण का क्लिप शेयर
इसी बहस में एक और सीनियर जर्नलिस्ट ने कहा- मेरे भारतीय पत्रकार दोस्तों ने अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण का एक क्लिप शेयर किया है। उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके पास बहुमत से सिर्फ 1 वोट कम था। उन लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र का मजाक उड़ रहा है। उन्हें वाजपेयी जी का यह क्लिप जरूर दिखाना चाहिए। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमने हिंदुस्तान से सबक क्यों नहीं सीखा। वहां तो सैकड़ों भाषाएं और कल्चर हैं। वो फिर भी जम्हूरियत से नहीं डिगते। खान को गिरेबां में झांककर अटल जी से सीखना चाहिए।

2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के कुछ वक्त बाद इमरान ने उनसे मुलाकात की थी।
2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के कुछ वक्त बाद इमरान ने उनसे मुलाकात की थी।

हामिद मीर बोले- अटल जी से सीखें
इस पर हामिद मीर ने कहा- हां, मैं भी इसी तरह का रुझान देख रहा हूं। मुझे भी अटल जी के भाषण की क्लिप मिली है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का दिलेरी से सामना किया। संसद में कहा कि मैं राष्ट्रपति को जाकर इस्तीफा दे रहा हूं और ऐसा किया भी। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि इमरान आज हमें जिस हिंदुस्तान की मिसालें दे रहे हैं, वो वहां से कुछ सीख भी लेते। अटल जी तो पाकिस्तान भी आए, दोस्ती का हाथ भी बढ़ाया। मीनार-ए-पाकिस्तान भी गए। बदले में हमने उन्हें क्या दिया और क्या सीखा?

मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी इमरान खान ने उनसे मुलाकात की थी।
मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी इमरान खान ने उनसे मुलाकात की थी।

इमरान को अटल जी क्लिप भेज दीजिए
पाकिस्तानी संसद में चल रहे ड्रामे से दुखी हामिद मीर ने कहा- हमारे यहां तो सूरत-ए-हाल ही बेहद मुश्किल है। अगर इमरान भारत के इतने ही मुरीद हैं तो वहीं से जम्हूरियत का पाठ सीख लें। मेरी गुजारिश है कि हम या आप या कोई सियासतदान इमरान को अटल जी के भाषण का क्लिप भेज दे। शायद वो इससे ही कुछ सीख लें कि लोकतंत्र का सम्मान कैसे किया जाता है।

भाषण का क्लिप भी चला
मीर के एक्सपर्ट कमेंट के बाद पाकिस्तान के जियो टीवी पर अटल के भाषण का वो क्लिप चलाया भी गया। अटल जी की अगुआई वाली NDA सरकार 13 महीने सत्ता में रहने के बाद 17 अप्रैल 1999 को गिर गई थी। विपक्ष के पास एक वोट ज्यादा था।