मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के 18 सदस्यीय ‘मिनी-कैबिनेट’ विस्तार ने कई तथ्य सामने रखे हैं, जिनमें कुल 20 ‘करोड़पति’ मंत्रियों में से 75 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, कुल 15 मंत्रियों ने आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिसमें शिंदे समूह शिवसेना के सात और भाजपा के आठ मंत्री शामिल हैं।

करोड़ो के मालिक है शिंदे गुट के कई मंत्री

वही, 20 करोड़पतियों में से भाजपा के मंगल प्रभात लोढ़ा 441.65 करोड़ रुपये की संपत्ति और 283.36 करोड़ रुपये की देनदारियों के साथ मंत्रियों में सबसे अमीर हैं। सबसे गरीब मंत्रियों में भाजपा के संदीपनराव ए. भुमरे हैं, जिनके पास 2.92 करोड़ रुपये की संपत्ति है। जिन मंत्रियों के चुनावी हलफनामों का एडीआर द्वारा विश्लेषण किया गया, उनकी औसत संपत्ति 47 करोड़ रुपये है, जिसमें भाजपा की 58 करोड़ रुपये और शिंदे ग्रुप की 36 करोड़ रुपये की औसत संपत्ति शामिल हैं।

हालांकि, शैक्षणिक मोर्चे पर दो मंत्रियों (या 10 प्रतिशत) ने एसएससी पास की है, छह (30 प्रतिशत) मंत्रियों ने हाईयर सेकेंड्री पास की है, 11 मंत्रियों (55 प्रतिशत) के पास कॉलेज डिग्री है और एक मंत्री भाजपा के डॉ सुरेश खड़े ने श्रीलंका के एक विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि ली है। सीएम शिंदे ने मंगलवार को अपने बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार किया है, जिसमें तीन कथित ‘दागी’ सहित 18 मंत्रियों को शामिल किया गया है। किसी भी महिला विधायक को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।