कोरबा (कटघोरा)। इस बार आबकारी विभाग भी अपनी अविहित कार्यशैली से सुर्खियों में नजर आ रहा है दरअसल कटघोरा नगर पालिका परिषद वार्ड 12 जुराली के पूर्व पार्षद ने विभाग की षड्यंत्र रूपी छापामारी से क्षुब्ध होकर विभागीय नुमाइंदों के खिलाफ शिकायतों का मोर्चा खोल दिया है।इनका आरोप है कि न मैं शराब पीता और न बनाता,फिर विभाग के कर्मचारियों ने कैसे मेरे आशियाने पर छापामार कार्यवाही की है? इस बात से नाराज पूर्व पार्षद ने विभाग के नुमाइंदों के खिलाफ शिकायतों का दौर शुरू दिया है।
गौरतलब है कि 26 जून की शाम तकरीबन 4-5 बजे आबकारी विभाग के कर्मचारी कटघोरा के वार्ड क्र 12 ग्राम जुराली पहुचे और बकायदा पूर्व पार्षद शिवकुमार पटेल का घर पूछने लगे,जहाँ पता चलते ही सीधे पूर्व पार्षद के घर आ धमके,इस दौरान पार्षद शिवकुमार सहपरिवार घर पर ही थे।मिली जानकारी अनुसार एकाएक विभाग के कर्मचारियों ने घर मे तलाशी शुरू कर दी यह कहते हुए की शराब बेचते हो…और घर के सभी सामानों को अस्त व्यस्त अवस्था मे कर डाले।इस तरह अचानक आबकारी विभाग के कर्मचारियों की घर मे हुई दबिश से पार्षद भी हैरान हो गये और विभागीय कर्मचारियों से जानना चाहे की आप मेरे घर पर कैसे कार्यवाही कर रहे हैं न मैं शराब पीता, न बनाता,आखिर आपको किसने बताया है जो आप एकाएक मेरे घर शराब ढुढ रहे हैं।इस दौरान पार्षद ने कई दफा कर्मचारियों से आग्रह किया आखिर आप लोग किस बिना पर मेरे घर छापामारी कर रहे हैं, पर विभागीय नुमाइंदों ने पार्षद की एक ना सुनी और तलाशी के दौरान कुछ हाथ नही लगा।पार्षद ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों ने मेरे निवास पर छापामार कार्यवाही कर समाज मे मेरी प्रतिष्ठा धूमिल की है मेरे परिवारजनों सहित महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया है जो कि पूरी तरह गलत है ऐसे कर्मचारियों को विभाग में रहने का कोई अधिकार नही है, शासन को इनके ऊपर कार्यवाही करनी चाहिए।
आबकारी विभाग के नुमाइंदों की षड्यंत्र रूपी छापामारी के खिलाफ वार्ड 12 जुराली पूर्व पार्षद शिवकुमार पटेल ने शिकायतों का मोर्चा खोल दिया है।बता दे कि पूर्व पार्षद कांग्रेस पार्टी से जुड़े होने के साथ राजनीति में अच्छी पकड़ भी रखते हैं।2014 के चुनाव में इन्होंने अपना परचम लहराया था और काफी वोटों से लीड कर जीत हासिल की थी, जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरबा सहित थाना कटघोरा को लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत किया है जिसमे आबकारी विभाग की अविहित कार्यशैली का जिक्र कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है।पूर्व पार्षद ने बताया कि मैं पटेल सामाज का अभिन्न अंग होने के साथ सम्मानित व्यक्ति भी हु।मेरे ऊपर सामाजिक कार्यो सहित पूरे परिवार का बोझ भी रहता है खेती किसानी कर अपना जीवन यापन करता हु।मैं शराब जैसी नशीली चीजो से कोषों दूर रहता हूं मेरा विषंगतियो से दूर दूर तक नाता नही है,और आबकारी विभाग के कर्मचारी कहते हैं तुम शराब बिक्री करते हो और घर पर छापामार कार्यवाही करते हैं। पूर्व पार्षद शिवकुमार पटेल ने आबकारी विभाग के कर्मचारियों को आड़े हाथों ले लिया है, अब तो ये सीधे इन पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
ऐसा नही है कि आबकारी विभाग ने पहले भी किसी ऐसे ही आशियाने पर छापामार कार्यवाही नही की है दरअसल वे इनके रौद्र रूप व कार्यवाही के भय से सामने आने की हिम्मत नही जुटा पाए,पर इस बार इनका पाला ऐसे व्यक्ति से पड़ गया है जो राजनीति से जुड़ा होने के साथ सम्मान की खातिर झुकने वालो में से नही है बल्कि इनको मुँह तोड़ जवाब देने के लिए शासन से कार्यवाही की मांग पर अड़ गया है। सूत्र बताते हैं कि इनकी ऐसी अनेको कार्यवाही हैं जहाँ छापा तो पड़ता है पर ले दे कर मामला रफा दफा कर दिया जाता है।यहाँ तक कि सरकार ने आदिवासियों को 5 लीटर कच्ची शराब बनाने कि छूट दी हुई है पर ये उन्हें भी अपने बल पर शिकार बना लेते हैं और कार्यवाही का धोष दिखाते हुए उगाही कर अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं।पर इस बार विभाग के नुमाइंदे पूर्व पार्षद की आँट में आ गए हैं।
वर्तमान पार्षद कमलेश आर्मो ने कहा….
वर्तमान वार्ड 12 के पार्षद  कमलेश आर्मो ने विभाग की इस कार्यवाही को प्रथम दृष्टया ही समझ से परे करार दे दिया है, पूर्व पार्षद को कभी भी ऐसी विसंगतियों में नही देखा गया है अक्सर इनका सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में योगदान रहता है। आबकारी विभाग के कर्मचारियों की यह कार्यवाही षड्यंत्र रूपी व निंदनीय है।ऐसी अविहित कार्यवाहियों से सामाजिक व्यक्ति के प्रतिष्ठा व सम्मान को ठेश पहुँचती है।
आत्माराम पटेल पार्षद वार्ड 13 जुराली -वार्ड 13 के पार्षद आत्मा नारायण पटेल को जब इस विषय की जानकारी हुई तो इन्होंने भी इस कार्यवाही को गलत ठहराया है पूर्व पार्षद शिवकुमार पटेल पर इस तरह के आरोप लगाना पूरी तरह बेबुनियाद है।पूरा पटेल समाज आबकारी विभाग की इस कार्यवाही से नाराज है।समाज के प्रतिष्ठित अंग पर आबकारी विभाग के कर्मचारियों द्वारा षड्यंत्र रूपी कार्यवाही करना गलत है।