कोरबा – शास्त्री जी सच्चे गांधीवादी थे जिन्होने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और गरीबों की सेवा में लगाया उक्त कथन महापौर राजकिशोर प्रसाद ने जिला कांग्रेस कार्यालय टी. पी. नगर कोरबा में आयोजित भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के पुण्यतिथि कार्यक्रम में व्यक्त किया। श्री प्रसाद ने बताया कि भारत के दुसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान कई बार जेल जाना पड़ा था। श्री शास्त्री नेहरू जी के मंत्री मण्डल में गृहमंत्री के प्रमुख पद पर भी रहे और नेहरू जी के निधन पश्चात् भारत के प्रधानमंत्री भी बने।
पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्याम संुदर सोनी (सभापति न.पा.नि.) ने अपने उद्बोधन में बताया कि 8 अगस्त 1942 की रात गांधी जी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ो और भारतीयों को करो या मरो का नारा दिया जिसे 9 अगस्त 1942 के दिन शास्त्री जी ने इलाहाबाद पहुंचकर इस आंदोलन के गांधीवादी नारे को चतुराई पूर्वक मरो नही मारो में बदल दिया और अप्रत्याशित रूप से क्रांति की दावानल को पूरे देश में प्रचण्ड रूप दे दिया। 11 दिनों बाद 19 अगस्त 1942 को शास्त्री जी गिरफ्तार हो गये थे।
पूर्व सभापति एवं ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर ने अपने उद्बोधन में स्व. लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कहा कि शास्त्री जी का राजनैतिक क्रियाकलाप सैद्धांतिक न होकर पूर्णतः व्यवहारिक और जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप था। शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया। इस नारा ने भारत के किसानों और जनता का मनोबल बढ़ाया और सारा देश एकजूट हो गया।
उन्होने स्व. लाल बहादुर शास्त्री के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शास्त्री जी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा भारत देश श्रद्धापूर्वक याद करता है। शास्त्री जी को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। जिला कांग्रेस सचिव नारायण अग्रवाल ने बताया कि शास्त्री जी के सादगी व साफ सुथरी छवि के कारण उन्हे देश का प्रधानमंत्री पद के निर्वाहन करने का दायित्व प्राप्त हुआ। शास्त्री जी कहा करते थे अपने देश की आजादी की रक्षा करना केवल सैनिकों का काम नहीं है बल्कि ये पूरे देश का कर्तव्य है।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं कार्यालय महामंत्री सुरेश कुमार अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए बताया कि शास्त्री जी शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते थे और देश के प्रति निष्ठा को ही पूर्ण निष्ठा मानते थे। शास्त्री जी का मानना था कि लोगों को सच्चा लोकतांत्रिक या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नही हो सकता।
इस मौके पर  शास्त्री जी के जीवनी पर प्रकाश डाला गया और उनके बताये राह पर चलते हुए देश की सेवा करते रहने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित सभी कांग्रेसजनों ने शास्त्री जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण किया और उन्हे श्रद्धा सुमन श्रद्धांजली दी गई। कार्यक्रम में कांग्रेस जन उपस्थित थे।