नई दिल्ली | कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सेना से रिटायर हुए डॉक्टरों की मदद ली जा रही है। सशस्त्र बलों ने ऐसे 600 डॉक्टरों की तैनाती की है जो रिटायर हो चुके हैं। सेना के शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को यह जानकारी दी। सेना ने कहा कि यह डॉक्टर पिछले कुछ सालों में रिटायर हुए हैं।

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मंत्रालय के अधिकारियों और तीनों रक्षा प्रमुख, रक्षा सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में कोरोना संकट के खिलाफ लड़ाई में नागरिक प्रशासन का समर्थन करने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के प्रयासों की समीक्षा की गई।

 

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनाध सिंह को सूचित किया गया कि सेना ने विभिन्न राज्यों में नागरिकों के लिए 720 से अधिक बेड उपलब्ध कराए हैं और अलग-अलग अस्पतालों में नौसेना ने 200 से अधिक नर्सिंग सहायकों की तैनाती भी की है। बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच सरकार ने कई बार सैन्या तैयारियों की समीक्षा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस, आईएएफ प्रमुख और सेना प्रमुख के साथ एक-एक बैठकें की हैं।

 

कोरोना वायरस के मामलों में बेतहासा वृद्धि के बाद देश में ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ गई है। ऐसे में ऑक्सीजन समय पर आपूर्ति करने के लिए एयरफोर्स ने मोर्चा संभाल रखा है। एयर फोर्स के कई मालवाहक विमान ऑक्सीजन के खाली और भरे हुए टैंकरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

 

ऑक्सीजन की ट्रांसपोर्टिंग के लिए नौसेने की भी मदद ली जा रही है। नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस तलवार, आईएनएस तबर, आईएनएस त्रिकंद, आईएनएस जलाश्व और आईएनएस ऐरावत हैं, जो कि ऑक्सीजन लाने में जुटे हुए हैं। आईएनएस कोलकाता और आईएनएस तलवार, मनामा से तरल ऑक्सीजन ला रहे हैं, बैंकॉक से आईएनएस जलाश्व और आईएनएस ऐरावत सिंगापुर से भारत में तरल ऑक्सीजन पहुंचा रहे हैं।