नई दिल्ली |
देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच मॉनसून को लेकर राहत भरी खबर है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मॉनसून सामान्य रहने की संभावना है। पूरे देश में औसतन करीब 98 फीसदी बारिश दर्ज होने का अनुमान है। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के सेक्रेटरी एम. राजीवन ने कहा, ‘हमारे पास शेयर करने के लिए एक अच्छी खबर है। दो साल तक औसत से ज्यादा बारिश के बाद इस साल देश में सामान्य मॉनसून रहने की संभावना है।’ लॉन्ग पीरियड एवरेज के 98 फीसदी रहने को अच्छी बारिश माना जाता है। 1961 से 2010 तक के डेटा के मुताबिक 88 सेमी को अच्छा औसत माना जाता है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक 96 से 104 फीसदी तक के औसत को लॉन्ग पीरियड एवरेज के लिहाज से अच्छा माना जाता है। इससे पहले 2020 में यह औसत 110 फीसदी और 2019 में 109 पर्सेंट था, जो सामान्य से अधिक था। इससे पहले 1996,1997 और 1998 में लगातार तीन सालों तक मॉनसून सामान्य रहा था। ऐसे में एक बार फिर से लगातार तीन साल तक मॉनसून बेहतर रहना अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छा संकेत है। मौसम विभाग का कहना है कि ला नीना कमजोर पड़ रहा है और इसके चलते हमें अच्छी बारिश की उम्मीद है।
एम. राजीवन ने कहा, ‘ला नीना के मई तक ही सक्रिय रहने की आशंका है। इसके बाद हम न्यूट्रल कंडीशंस में होंगे। इस बात की आशंका कम ही है कि मॉनसून सीजन के दौरान अल-नीनो सक्रिय होगा। ऐसे में ये स्थितियां भारत में बेहतर मॉनसून के अनुकूल हैं।’ इससे पहले कई अन्य प्राइवेट वेदर एजेंसियों ने भी मॉनसून के बेहतर रहने की उम्मीद जताई थी। स्काईमेट के अनुमान के मुताबिक इस साल जून से सितंबर के दौरान लॉन्ग पीरियड एवरेज में 103 फीसदी बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि जून से सितंबर के दौरान अच्छी बारिश हो सकती है, जो मॉनसून के महीने होते हैं। इस अनुमान ने कोरोना के इस संकट के दौर में कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद जताई है।