नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआईआई) ने देश में वैक्सीन के पर्याप्त स्टाक और कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को देखते हुए कोविशील्ड के बूस्टर डोज के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर की मंजूरी मांगी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआई) को एक आवेदन में सीरम में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कहा है कि बिट्रेन की दवा नियामक एजेंसी ने पहले ही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की बूस्टर खुराक को मंजूरी दे दी है।

एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार प्रकाश कुमार सिंह ने मंगलवार को आवेदन में कहा कि दुनिया महामारी को देखते हुए कई देशों ने कोरोना टीकों की बूस्टर खुराक देना शुरू कर दिया है। हमारे देश के लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिक जिन्हें पहले ही कोविशील्ड की दो खुराक दी जा चुकी है, वे भी लगातार बूस्टर खुराक के लिए हमारी फर्म से अनुरोध कर रहे हैं।आप जानते हैं कि अब हमारे देश में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और महामारी और नए वैरिएंट को देखते हुए वैक्सीन की बूस्टर डोज की मांग दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है।

प्रकाश कुमार सिंह ने आगे कहा कि यह समय की मांग है और हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के अधिकार की बात है कि वे इस महामारी की स्थिति में खुद को बचाने के लिए बूस्टर खुराक से वंचित नहीं रहें। केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोरोना के लिए वैक्सीन एडमिनिट्रेशन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह  बूस्टर खुराक की आवश्यकता को लेकर वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहा है।
कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रोन’ को लेकर चिंताओं के बीच केरल, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह  कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक की अनुमति देने पर निर्णय करे। दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 नवंबर को केंद्र को निर्देश दिया कि वह उन लोगों को बूस्टर खुराक देने पर अपना रुख स्पष्ट करे, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग गई है। कोर्ट ने कहा कि वह दूसरी लहर जैसी स्थिति नहीं चाहता है।