जबलपुर, Ganga Dussehra 2021। ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमीं को गंगा दशहरा मनाया जाता है। पापों का नाश करने वाली मां गंगा का इस दिन अवतरण हुआ था। इस दिन विशेष रूप से लोग पापों का नाश करने गंगा स्नान करने जाते हैं लेकिन कोरोना के कारण इस बार लोग गंगा स्नान नहीं कर पाएंगे। ऐसे में स्नान करते समय गंगा जल का उपयोग किया जा सकता है। शहर में पुण्यदायिनी मां नर्मदा के घाटों पर भी लोग पहुंचते रहे लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने लोग इस बार घाटों पर नहीं जाएंगे।
बैनगंगा में किया चुनरी का अर्पण : हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट में वैनगंगा नर्मदा के संगम में 900 फीट की चुनरी से मां गंगा का श्रृंगार किया गया। स्वामी रामचंद्र दास महाराज ने कहा कि बानासुर नाम के राक्षस ने कड़ी तपस्या भेड़ाघाट में की। वह प्रतिदिन हजारों शिवलिंग का निर्माण करते था। एक बार उसके मन में आया कि यह सभी शिवलिंग हम गंगा मैया में प्रवाहित करेंगे। सभी शिवलिंग ले जाने पर तब सभी देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना कर कहा कि ऐसा हो गया तो यहां का दृश्य बदल जाएगा। तब भगवान शंकर ने वरदान देकर कहा कि जहां बाण मारोगे वहां से गंगा मैया प्रवाहित होंगी। तब से बाण गंगा के नाम से यह स्थान पहचाने जाने लगा। गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर महाआरती एवं प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर सुधीर अग्रवाल, शिवशंकर पटेल, मनमोहन दुबे, सेवाराम दहिया उपस्थित रहे।
दस महाविद्या यज्ञ जारी : श्री सिद्ध शक्ति पीठ कालीधाम ग्वारीघाट में दस महाविद्या यज्ञ जारी है। स्वामी कालिका नंद सरस्वती प्रतिदिन विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। यज्ञ में रेल विभाग से जुड़े अनिल कुमार उसरेटे को दंडी स्वामी ने सम्मानित करते हुए विभाग की खुशहाली, सुख समृद्धि, एवं निरोगता के लिए मां भगवती काली से प्रार्थना की।