रैली निकलकर सब स्टेशन पोडी़ पाली पहुंचे ग्रामीणों ने गिनाई समस्याएं
कोरबा (पाली):- छत्तीसगढ़ की ग्रामणी अंचल कि अंतिम शोर कोरबा जिला से 90 किलोमीटर दूर पर स्थित पाली ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवपुर आश्रित मोहल्ला कर्रानाला में पिछले 1 माह से लाइट की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने दिनांक 30/6 /2021 को ग्राम कर्रानाला शिवपुर ग्राम पंचायत शिवपुर कर्रानाला से महिला पुरुष मिल कर लगभग 120 लोगो द्वारा प्रत्येक घर से लाइट की समस्याओं को लेकर सब स्टेशन पोडी़ पाली ऑफिस रैली निकाल कर अपनी मांगे रखी ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम कर्रानाला में कुल जनसंख्या लगभग 800 के करीब हैं जहां पर बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार के द्वारा ऑनलाइन कक्षाये संचालित की जा रही है जिसमें मोबाइल को चार्जिंग करने की बहुत बड़ी समस्या है अगर मोबाइल चार्जिंग नहीं होता तो पढ़ाई कैसे कर सकता है उसी प्रकार गांव में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन लगा हुआ है जिससे गांव में 50 60 परिवारों को पानी की पूर्ति होती है इसके अलावा कुछ परिवारों में भी बोर के माध्यम से पीने के लिए पानी उपलब्ध होता है लाइट की समस्या होने के कारण आए दिन पानी की समस्या भी सहना पड़ रहा हैं नल में पानी निकालने से बर्तन रच जाने के कारण कुछ मोहल्ले के लोग पास की ग्राम पंचायत परसदा से पानी लाते है ग्रामीणों का कहना है कि लाइन विभाग की मनमानी से ना तो यहां 1 साल से बिगड़े ट्रांसफॉर्मर बन पा रहा है और ना ही वर्तमान में संचालित ट्रांसफॉर्मर सुधर पा रहा है ट्रांसफॉर्मर में अधिक वोल्टेज हो जाने के कारण गांव में बहुत लोगों का पंखा टीवी लाइट अन्य सामान भी अधिक लाइट होने के कारण उड़ रहा है इसीलिए गांव वालों का मांग है कि जल्द से जल्द दोनों ट्रांसफॉर्म को तत्काल बदलकर विद्युत की आपूर्ति दुरुस्त करें और बिजली बिल के संबंध में भी मांग रखा है कि औसत बिल की जगह रीडिंग बिल प्रति माह प्रदाय किया जाए साथ ही सरकार के द्वारा सुविधा को देखते हुए मोबाइल से मैसेज के माध्यम से बिजली भी प्रदान की जाती है जिसके कारण कुछ लोगों को बिजली बिल की जानकारी नहीं होती इसके लिए भी मैसेज की जगह पेपर बिल प्रदाय करने की मांग की गई है साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण इलाका होने के कारण गांव के बीचो-बीच नाला बह हुआ है जिससे बिच्छू सांप की डर भी बना रहता है इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि जैसे सरपंच जनपद विधायक को अवगत कराने पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश की भावना है ऐसी स्वार्थी जनप्रतिनिधि होने का क्या मतलब जो अपने जनता ओं का समस्या ना सुने हमारे स्थानीय जनप्रतिनिधि