कोलकाता। West Bengal Post-poll violence case: बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए हिंसा की जांच सीबीआइ करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इसके अलावा अन्य मामलों की कोर्ट की निगरानी में एसआइटी जांच करेगी। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ितों को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की बड़ी पीठ ने फैसला सुनाया।
मालूम हो कि, चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट के फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है। हिंसा मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमें उम्मीद है सभी दोषियों को सजा मिलेगी। दूसरी और बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह तृणमूल के प्रवक्ता हैं। इसलिए राज्य सरकार के मामले पर अधिक कुछ नहीं कह सकते पर ऐसा लग रहा है कि राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। जानकारी हो कि हिंसा से जुड़े अन्य मामलों की जांच के लिए गठित एसआइटी में कोलकाता पुलिस के आयुक्त सोमेन मित्रा, वरिष्ठ आइपीएस सुमन बाला साहु और आइपीएस रणवीर कुमार को हाई कोर्ट ने शामिल किया है। एसआइटी जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश करेंगे। यह एसआइटी हिंसा के दौरान लूट, आगजनी व अन्य मामलों की जांच करेगी।