हुसैन रिजवी उर्फ हसन खान नामक युवक ने पहले राज्य के पीएचई मंत्री रुद्र गुरु के साथ किसी कार्यक्रम में अपनी तस्वीर खिंचा ली। और फिर खुद को मंत्री महोदय का खासमखास बताकर राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर इलाके में ‘ठगी की दुकान’ भी खोल ली। फिर क्या हुआ पढ़िए…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ठग अब नए-नए पैंतरे आजमाने लगे हैं। ऐसे ही एक मामले में हुसैन रिजवी उर्फ हसन खान नामक युवक ने पहले राज्य के पीएचई मंत्री रुद्र गुरु के साथ किसी कार्यक्रम में अपनी तस्वीर खिंचा ली। और फिर खुद को मंत्री महोदय का खासमखास बताकर राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर इलाके में ‘ठगी की दुकान’ भी खोल ली। इतना ही नहीं वह खुद को कांग्रेस नेता भी बताने लगा। अपनी इन्हीं तरकीबों से करीब 30 बेरोजगार युवकों को ठग चुके हुसैन रिजवी पर पुलिस ने चार सौ बीसी का केस दर्ज किया है। उसने राज्य के 30 से ज्यादा बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों की ठगी कर ली है। पुलिस के मुताबिक अब तक 5 पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई की गई है।

पुलिस के मुताबिक ठगी की दुकान चलाने वाला हुसैन रिजवी चरोदा के वार्ड-9 में रहता है। अब पुलिस को इसकी तलाश है। 28 साल के अनिल देवांगन, अहिवारा के रहने वाले लवकुश देवांगन, सेमरा निवासी रवि सिन्हा, गातापार के रहने वाले टेमन लाल साहू, और धमतरी के बेरोजगार युवक उमेश ध्रुव को इस ठगराज ने अपने झांसे में लिया। पीड़ितों के मुताबिक 2020 में इस ठगराज ने पीड़ितों से संपर्क किया। उसने पुलिस, PWD जैसे सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर इन सभी से कुल 9 लाख 95 हजार रुपए ले लिए। शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे अनिल देवांगन का दावा है कि हमारी तरह 30 से ज्यादा और बेरोजगार हैं, जिन्हें आरोपी ने ऐसे ही ठगा है।

मंत्री के साथ तस्वीरें दिखाकर झाड़ता रौब पीड़ितों में से कई युवकों ने पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया था। इन्हें हुसैन ने नौकरी दिलाने का वादा कर पैसे ऐंठे। कई बार बातों-बातों में हुसैन कहता था कि पुलिस के कई बउ़े अफसरों से वह संपर्क में है, उसके सारे काम एक झटके में होते हैं। वह खुद को मंत्री रुद्रगुरु का बेहद करीबी बताता था। ट्रेनिंग दिलवाने ले गया जगदलपुर ठग हुसैन रिजवी ने पैसे लेने के बाद युवकों से कहा कि वो उनकी ट्रेनिंग करवाएगा, ताकि वो भर्ती में अच्छा परफॉर्म कर सकें। बकायदा इसके लिए उसने ट्रेनर रखा था। पिछले साल फरवरी में वो ठगी का शिकार हुए युवकों को जगदलपुर लेकर गया। वहां ट्रेनर से सुबह-सुबह मैदान में रनिंग, जंपिंग वगैरह की वैसी ही ट्रेनिंग करवाता था जैसी पुलिस विभाग में होती है। ये सब देखकर रुपए देने वाले बेरोजगार उसके झांसे में आए।