कोरबा। प्रदेश के लोगों में बढ़ते व्यसन के प्रचलन के कारण आज हर दूसरा घर किसी ना किसी तरह से प्रभावित हो रहा है, ना केवल शराब बल्कि गांजा, चरस, अफिक, सुलेशन, कफ सिरप, इंजेक्शन, कैप्सूल, गुटका, सिगरेट, बीड़ी, गुड़ाखु, तम्बाकू इत्यादि विभिन्न तरह के नशीली पदार्थों ने समाज को जकड़कर रखा हुआ है, कड़ी मेहनत से कमाई गई धन व्यसन में व्यर्थ जा रहे हैं । जिसकी वजह से घरों में आर्थिक तंगी बढ़ रही है, और आर्थिक तंगी पारिवारिक गृह क्लेश की वजह बन रही है । वहीं व्यसन के लत की भरपाई करने के लिए व्यसनी तरह तरह के क्राइम को अंजाम दे रहे हैं । जिससे उनका भविष्य जेल की सलाखों के पीछे गुजर रहा है । दशकों से विभिन्न तरह के व्यसन का प्रचलन लोगों में चरम सीमा पर पहुंच चुका है । अब तो बड़े बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा, किशोर भी इसकी चपेट में आकर अपना जीवन अंधकारमय बना रहे हैं । नशे की वजह से सड़क दुर्घटनाएं, छेड़खानी एवं महिला उत्पीड़न में इजाफा हुआ है । वहीं डकैती, चोरी की वारदातें भी बढ़ी हैं। नशे की वजह से तलाक के मामले भी बढ़े हैं, घरेलू हिंसा में इजाफा हुआ है। नशे के इन सभी दुष्प्रभावों को देखते हुवे समाज को नशे के चुंगल से बाहर निकालने के लिए नशामुक्ति केंद्र की आवश्यकता कोरबा जिले में लंबे अरसे से महसूस हो रही थी, जिसकी भरपाई करने के लिए पंचशील कौशल सेवा संस्थान नें इस मानव सेवा कार्य का बीड़ा उठाने कोरबा जिले में अनूठा पहल की है ।
संस्थान ने शिक्षक दिवस के अवसर पर कोरबा जिले में स्वपरिवर्तन नशामुक्ति, काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र का शुभारंभ आम जनमानस को नई सौगात है । यह नशामुक्ति केंद्र कामदगिरि उद्यान, ग्राम हरदीबाजार जिला कोरबा में स्थित है। पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नारायण केशरवानी से इस संबंध में हुई परिचर्चा में उन्होंने बतलाया कि जिले में नशामुक्ति केंद्र की कमी अरसे से महसूस की जा रही थी, कुसंग की वजह से किशोर, युवा वर्ग तीव्र गति से तरह तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कर उसके आदि बनते जा रहे हैं । फिर नशे की लत उनके तन, मन, धन, सम्बन्ध, कैरियर सब बर्बाद कर दे रही है। नौजवानों का भविस्य अंधकारमय होता जा रहा है ।
समाज की इस कमी को पूरा करने के लिए पंचशील कौशल सेवा संस्थान द्वारा ग्राम हरदीबाजार क्षेत्रान्तर्गत, कामदगिरि उद्यान में स्वपरिवर्तन नशामुक्ति काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र की स्थापना शिक्षक दिवस के अवसर पर किया गया है। प्रारंभ में 30 बिस्तर युक्त केन्द्र संचालन की व्यवस्था की नींव रखी गई है । कम से कम तीन महीने रहने, खाने की सुविधा के साथ व्यसनियों को व्यसन से मुक्त करने के लिए एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिकक, पंचकर्म, नैचुरोपैथी, योगा, राजयोगा, सात्विक भोजन, एक्सरसाइज, खेल, काउंसलिंग, मोटिवेशन इत्यादि सभी के सम्मिश्रण से व्यसन मुक्त करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
शिलान्यास परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य निमित्त स्थापित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बहनों की गरिमा मयी उपस्थिति एवं उनके सानिध्य में किया गया। इस दौरान पंचशील कौशल सेवा संस्थान से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सदस्य राजेश जायसवाल, उदय नारायण जायसवाल,प्रेम जायसवाल, दिनेश जायसवाल, उदय चौधरी, नेहा चौधरी, नरेंद्र सिंह यादव, राम जी शर्मा, गुलशन जायसवाल एवं विजय जायसवाल जी उपस्थित रहे।
शिक्षक दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम के महत्व पर शिक्षक श्री रामकुमार यादव जी ने विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए संस्थान द्वारा संचालित मिशन की सफलता का आशीर्वाद दिए।
औद्योगिक नगरी में योगा, ध्यान हेतु उपयुक्त हरे भरे वृक्षों से भरपूर प्राकृतिक सुंदर वातावरण मिलना बहुत मुश्किल है। लेकिन हरदी बाजार में स्थित कामदगिरि उद्यान फलदार पेड़ों का बहुत पुराना बगीचा है। जहां बगीचे के बीचों बीच 30 बिस्तरों वाली स्वपरिवर्तन नशामुक्ति काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र का संचालन किया जा रहा है।
कोरबा जिला औद्योगिक नगरी होने की वजह से मजदूर वर्ग प्रायः काम की थकान दूर करने, स्ट्रेस से क्षणिक मुक्ति पाने, कुसंग में व्यसन की राह पकड़ लेते हैं, और धीरे धीरे यही आदत बनकर व्यक्ति को अपना गुलाम बना देती है । फिर वहां से निकलने का सहीं मार्गदर्शन ना मिलने से वही व्यक्ति स्वयं के लिए, परिवार व समाज के लिए विनासी कदम उठाकर लगातार किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचाता ही रहता है ।
स्वपरिवर्तन नशामुक्ति, काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र में ना केवल व्यसनियों के मनोदशा का उपचार होगा बल्कि गुस्सा, चिड़चिड़ापन, तनाव, अनिद्रा, डिप्रेशन से जूझ रहे मरीजों का बिना किसी मेडिसिन के सदा के लिए तनावमुक्त, खुशहाल, शांत उमंग उत्साह से भरपूर जीवन प्राप्त होगा । आर्ट ऑफ लिविंग (जीवन जीने की कला) सुबह उठने से लेकर रात सोने तक मनुष्य जीवन की परफेक्ट दिनचर्या को फ़ॉलो करने हेतु उचित मार्गदर्शन देकर जीवन स्तर को उठाया जाएगा, गुणवान बनने की कला सिखाकर व्यक्तित्व निखारने हेतु मार्गदर्शन दिया जाएगा, क्योकि कई बार व्यसनी व्यसन तो छोड़ देता है पर व्यसनी के चरित्र के पतन होने की वजह से हमारे समाज उनको पुनः एक्सेप्ट नहीं करता व उनके प्रति घृणा, हीन भाव से रखा जाने लगता है, उननसे लोगों का विश्वास उठ जाता है, इसलिए व्यसन मुक्त करने के साथ साथ उस। व्यसनी के जीवन की गाड़ी को पटरी पर लाना भी बेहद जरूरी है जिसके लिए उसके आत्मिक गुणों को जागृत कर गुणवान बनाने की विधि फॉलो करवाया जाना अत्यंत ही आवश्यक पार्ट है जिसे ही पुनर्वास कहा जाता है।
पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नारायण केशरवानी ने लोगों से अपील की है कि जिस किसी के नजर में कोई व्यसनी नजर आएं तो कृपया उन्हें व्यसन मुक्त बनने हेतु प्रेरित करें, नशामुक्ति केंद्र से होने वाले लाभ के बारे में जरूर बतलायें, चूंकि यह सामाजिक कार्य है और बिना सामाजिक सहयोग के व्यसन मुक्त समाज का बनना संभव नहीं है। हम मानव का यह कर्तव्य बनता है कि अपने सभ्य समाज में स्वच्छ मनोदशा स्थापित करने के लिए नशामुक्ति केंद्र का संचालन अति आवश्यक कदम है।
*स्व-परिवर्तन नशामुक्ति, काउंसलिंग एवं पुनर्वास केंद्र*
संचालक –
पंचशील कौशल सेवा संस्थान
संचालन स्थल – *कामदगिरि उद्यान, ग्राम हरदी बाजार, जिला कोरबा, छत्तीसगढ़*