कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से देश में ऑक्सीजन की डिमांड भी ज्यादा हो गई है। राजधानी दिल्ली समेत कुछ और राज्यों में स्थिति ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर से पार पाने और अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) मोबाइल ऑक्सीजन प्रोडक्शन संयंत्रों का आयात कर रही है।
इससे जुड़े लोगों ने बताया कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों का आयात कर रही है और ये एक सप्ताह के भीतर भारत पहुंच जाएंगे। एक अधिकारी ने कहा कि इन संयंत्रों को उन अस्पतालों में लगाया जाएगा जहां पर कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने अपने सैन्य और अन्य विंगों को आदेश दिया है कि वे कोरोना के प्रकोप से लड़ाई में युद्धस्तर पर काम करें। कोविड अस्पताल बनाने से लेकर ऑक्सीजन उत्पादन, मेडिकल स्टाफ और ऑक्सीजन कंटेनरों की एयरलिफ्टिंग को लेकर सशस्त्र बल, डीआरडीओ और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र राज्यों के साथ मिलकर ओवरटाइम काम कर रहे हैं।
जहां तक डीआरडीओ की बात है तो ये उन संगठनों में शामिल है जो देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लड़ाई में बहुत तेजी से काम कर रहा है। डीआरडीओ ने अहमदाबाद में एक अस्पताल तैयार किया जो कि शनिवार से काम करना शुरू कर देगा। इस अस्पताल को 10 दिनों से भी कम समय में तैयार किया गया है।
धन्वंतरि कोविड अस्पताल में 900 बेड की क्षमता होगी, जिसमें 150 आईसीयू बेड शामिल हैं, एक दूसरे अधिकारी ने कहा। शेष 750 बिस्तरों में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है। DRDO ने गुजरात सरकार के साथ मिलकर इस अस्पताल को स्थापित किया है। इसके साथ-साथ छह शहरों में 3100 से अधिक मरीजों के इलाज के लिए अत्याधुनिक कोविड अस्पताल स्थापित करने की प्रक्रिया में है।