भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों ने आसमान छू रखे हैं। आम आदमियों को गाड़ियों में तेल डलवाने पर पसीने छूट रहे हैं। खासतौर पर पेट्रोल शतक मार 100 रुपए के आंकड़ा पार कर चुका है। इस बीच राहत भरी खबर सामने आई ही। अमेरिका ईरान पर लगे प्रतिबंधों पर ढील दे सकता है। ऐसे में देश ईरान से दोबारा तेल खरीदेगा। जिससे आयात के स्त्रोत को विविध रूप से मदद मिलेगी। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा कि ईरान पर अमेरिका की पांबदियों के बाद भारत ने साल 2019 से वहां के तेल आयात को रोक दिया था।

अधिकारी ने कहा, ‘ईरान परमाणु समझौते को पटरी पर लाने के लिए दुनिया के ताकतवर देशों की विएना में बैठक हुई है।’ उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंध हट गया तो हम ईरान से तेल आयात कर सकेंगे। अधिकारी ने आगे कहा, भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। वह प्रतिबंध हटने के बाद अनुबंध कर सकते हैं। ईरान से तेल आने पर बाजार में तेल के दाम कम होंगे। साथ ही देश को आयात स्त्रोत में मदद मिलेगी।

वित्त वर्ष 2020-21 में इराक भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है। उसके बाद सऊरी अरब और तीसरे स्थान पर संयुक्त अरब अमीरात है। नाइजीरिया चौथे और पांचवें स्थान पर अमेरिका रहा। अधिकारी ने बताया, तेल उत्पादक देशों से उत्पादन सीमा हटाकर उत्पादन बढ़ाने की मांग करते हैं। तेल के दाम में बढ़ोतरी होने से दुनिया को आर्थिक खतरा है। हम 85 प्रतिशत से अधिक तेल आयात करते हैं। बता दें भारत एक समय में ईरान का दूसरा सबसे बड़ा कस्टमर था। ईरान से तेल लेने पर देश को कई लाभ हैं। इसमें यात्रा मार्ग छोटा है, जिस कारण माल ढुलाई लागत में कमी आती है और पेमेंट करने के लिए काफी समय मिलता है। ईरान से तेल खरीदने पर रिफाइनरियों कंपनियों को बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि वह दो महीने की उधारी पर तेल उपलब्ध कराता है। ऐसी सुविधा अन्य देश नहीं देते हैं।