पेट्रोलियम मंत्रालय ने सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस (पीएनजी) के दामों में नरमी लाने के लिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को उद्योगों से शहर गैस वितरण कंपनियों की तरफ मोड़ने का आदेश दिया है। आयातित ईंधन के इस्तेमाल की वजह से पिछले एक साल में सीएनजी और पीएनजी के दाम 70 प्रतिशत बढ़े हैं। मंत्रालय ने करीब तीन महीने पहले वाहन ईंधन सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल होने वाले ईंधन पीएनजी की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए महंगी आयातित एलएनजी के इस्तेमाल का निर्देश दिया था।
पुरानी नीति पर वापस लौट आया है गैस की आपूर्ति
मंत्रालय हालांकि, दस अगस्त को शहर के गैस संचालन के लिए मुख्य रूप से घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की आपूर्ति की पुरानी नीति पर वापस लौट आया है।अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली की इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) और मुंबई की महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) जैसी शहर गैस वितरण कंपनियों के लिये आवंटन 1.75 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 2.078 करोड़ घन मीटर कर दिया गया है।
बढ़ा हुआ आवंटन देश में पाइप के जरिये मांग को पूरा करेगा
अधिकारियों के अनुसार, बढ़ा हुआ आवंटन देश में पाइप के जरिये रसोई गैस और वाहनों के लिये सीएनजी आपूर्ति की 94 प्रतिशत मांग को पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि अबतक करीब 83 प्रतिशत मांग इसके जरिये पूरी की जाती थी और शेष आवंटन गेल द्वारा एलएनजी के आयात के जरिये पूरी किया जाता था। पूर्व व्यवस्था के तहत गेल एलएनजी के साथ घरेलू स्तर पर उपलब्ध गैस की औसत कीमत के आधार पर उसकी आपूर्ति करता थी।
आयातित ईंधन के बजाय घरेलू गैस के इस्तेमाल से कच्चे माल की लागत घटेगी
अधिकारियों ने बताया कि आयातित ईंधन के बजाय घरेलू गैस के इस्तेमाल से कच्चे माल की लागत घटेगी और सीएनजी तथा पीएनजी के दाम नीचे आएंगे। परिचालकों द्वारा महंगी एलएनजी का इस्तेमाल करने से पिछले एक साल के दौरान सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में जोरदार उछाल आया है। दिल्ली में सीएनजी का दाम जुलाई 2021 में 43.40 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो अब 74 प्रतिशत बढ़कर 75.61 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। वहीं इस दौरान पीएनजी की कीमतें 70 प्रतिशत बढ़कर 29.66 प्रति घनमीटर से 50.59 प्रति घनमीटर हो गई हैं।