रायपुर, दुर्ग 21 मई 2021। छत्तीसगढ़ में सबसे पहले दुर्ग कलेक्टर ने लाॅकडाउन लगाया था तो कलेक्टरों के व्हाट्सएप ग्रुप में सीनियर अफसरों ने उन्हें आड़े हाथ लिया था कि बिना सोचे-समझे, बताए लाॅकडाउन का आदेश क्यों जारी कर दिया गया। लेकिन, अब स्थिति यह है कि भारत सरकार उसी कलेक्टर को एप्रीसियेट कर रहा है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने आज एक अहम ट्वीट किया है, इसमें दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण के आंकड़े प्रदर्शित किए गए हैं। यह आंकड़े 51 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत से नीचे रह गए हैं। इन आंकड़ों के माध्यम से बताया गया है कि किस तरह से लॉकडाउन दुर्ग में प्रभावी तरीके से लागू किया गया, उसका असर देखने को आया और कोरोना संक्रमण की गति में निरंतर गिरावट आती गई। ट्विटर में ग्राफ के माध्यम से विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार से कोरोना संक्रमण की बढ़ोतरी होने पर जिला प्रशासन द्वारा पहले नाइट कर्फ्यू और उसके बाद स्ट्रिक्ट लॉकडाउन का निर्णय लिया गया। निर्णय का प्रभाव हुआ और पिक में तेजी से पहुंचने के बाद कोरोना के ग्राफ में लगातार गिरावट आई। अभी यह स्थिति है कि कोरोना संक्रमण 5 फीसदी से नीचे रह गया है । दुर्ग जिले में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया जिन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मरीज बाहर आ रहे थे वहां कंटेनमेंट जोन बनाए गए और इन कंटेनमेंट जोन पर प्रभावी निगरानी रखी गई। इन कंटेनमेंट जोन में व्यापक सैंपलिंग की गई इसके साथ ही स्ट्रीट वेंडर एवं सुपर स्प्रेडर की तेजी से सैंपलिंग की गई। लॉकडाउन में तेजी से सैंपलिंग बढ़ाकर और लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति सावधान कर हॉस्पिटल में संसाधन बढ़ाकर तथा कोरोना संक्रमण की रोकथाम की व्यापक मॉनिटरिंग कर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को 5 फीसदी से नीचे लाने में सफलता प्राप्त की है।
कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा कोरोना की तीसरी वेव की आशंका को देखते हुए भी अभी से तैयारियां आरंभ हो गई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि तीसरे संक्रमण में बच्चे भी गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति बनी तो जिले में इसके लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है। चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में बच्चों के लिए आईसीयू तैयार किया जा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल से समन्वय कर बच्चों के ट्रीटमेंट की विशेष तैयारियां सुनिश्चित की जा रही है।