रायपुर/Korba। जब यूं लगने लगा कि अब प्रदेश से मानसून की विदाई हो गई है तो पिछले 24 घंटे में दोबारा बारिश धमक पड़ी और अब एक नई खबर आ रही है टाइफून नोरू की। ‘टाइफून नोरू’ बेहद शक्तिशाली चक्रवात है। यह पहले ही फिलीपींस को तबाह कर चुका है। पता चला है कि टाइफून नोरू से बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। जिसके असर से आने वाले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों सहित छत्तीसगढ़ में भी बारिश की संभावना रहेगी। इस तरह से यह बारिश “पोस्ट मानसून रेन” कहलाएगी। यानी अक्टूबर के पहले सप्ताह में हम छत्तीसगढ़वासी मानसून की वापसी देख सकते हैं।

क्या है टाईफून नोरू

‘टाइफून नोरू’ बेहद शक्तिशाली चक्रवात है। इसमें तेज गर्म हवाए बाहर से अंदर की और आती है। यह अक्सर महासागरों में बनते है। इन तेज हवाओं के कारण जोरदार बारिश होती है, जिससे कि आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। नोरू पहले ही फिलीपींस को तबाह कर चुका है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि ऐसे ही आगे बढ़ते हुए यह लैंडफॉल के बाद अपनी ताकत खो देगा और वियतनाम, लाओस और कंबोडिया को पार कर जाएगा। 1 अक्टूबर शनिवार तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात के रूप में बना रहेगा।

क्या कहती है रिपोर्ट

स्काई मेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी पश्चिमी पैसिफिक में टाइफून नोरू वियतनाम पहुंच गया है। जो 175 किमी प्रति घंटे की तूफानी हवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। जो गंभीर चक्रवाती तूफान के साथ 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की तेज हवाओं के साथ बिगड़ सकता है। फिलीपींस से होता हुआ ये दक्षिण चीन सागर में फिर मजबूत होगा। मध्य वियतनाम, दक्षिणी लाओस और उत्तरी थाईलैंड को कवर करते हुए पूरे दक्षिण पूर्व एशिया को प्रभावित करेगा। 30 सितंबर को उत्तरी म्यांमार के ऊपर अराकान तट और मार्तबान की खाड़ी के पास पहुंचने पर निम्न दबाव के क्षेत्र में ये कमजोर हो जाएगा। इस तूफान की वजह से एक अक्टूबर को बंगाल की पूर्वी और पूर्वोत्तर खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण उभरेगा। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर पहले से मौजूद परिसंचरण कम हो जाएगा और एक व्यापक परिसंचरण बंगाल के पूर्व, मध्य और उत्तर-पश्चिम की खाड़ी के बड़े हिस्से को कवर करेगा। इससे एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होगा। जिसके असर से पूर्वी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश की पट्टी के विस्तार की संभावना है।

मौसम विभाग के निदेशक ने कहा कि, यह कितना मजबूत होगा यह दिशा पर निर्भर करता है. उत्तर-पूर्व की ओर सीधे बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ते हुए इसकी ताकत थोड़ी कम होगी लेकिन अगर अंडमान और बंगाल की खाड़ी से सटा हुआ आता है तो ताकत ज्यादा होगी ऐसे में इस तूफान का असर ज्यादा होगा। परिणामस्वरूप बंगाल में भारी बारिश और छत्तीसगढ़ समेत बताए गए अन्य प्रदेशों में मध्यम से तेज बारिश हो सकती है।