नई दिल्ली। दुनिया पर कोरोना महामारी की तीसरी लहर का खतरा गहरा गया है। यूरोप, अमेरिका और एशिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर आगाह करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे अधिक संक्रमण वाले छह राज्यों को टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और टीका के माध्यम से संक्रमण पर तत्काल लगाम लगाने की सलाह दी। वहीं नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और कोरोना टीकाकरण पर गठित टास्कफोर्स के प्रमुख डा. वीके पाल तीसरे लहर के मद्देनजर भारत के लिए अगले तीन-चार महीने को अहम बताया है।

महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत बताई। उन्होंने इस संबंध में हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरी लहर के पहले जनवरी में इसी तरह से केरल और महाराष्ट्र में संक्रमण बढ़ने लगे थे। विशेषज्ञों ने कहा था कि जिन राज्यों में संक्रमण पहले तेजी से बढ़ा था, उनमें पहले गिरावट आएगी, लेकिन महाराष्ट्र और केरल के मामले में यह देखने को नहीं मिल रहा है। इन दोनों राज्यों में संक्रमण में बढ़ोतरी बरकरार है। जिन छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से प्रधानमंत्री ने बात की, उनमें जुलाई महीने के कुल संक्रमण का 80 फीसद मामले मिले हैं और 84 फीसद मौतें हुई हैं, जो चिंता की बात है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिक संक्रमण बने रहने से वायरस के म्यूटेशन का खतरा भी बढ़ जाता है और नए स्वरूप में वह अत्यधिक घातक हो सकता है।

कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण को रोकने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने टीकाकरण को भी संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की जरूरत बताई।

ज्यादा संक्रमण वाले जिलों पर विशेष ध्यान देने पर जोर

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को पूरे राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाए रखने के साथ-साथ उन जिलों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी, जहां संक्रमण दर अधिक है। इन राज्यों में से केरल के आठ और महाराष्ट्र के एक जिले में संक्रमण दर अब भी 10 फीसद से अधिक बना हुआ है।