नागौर. एमपी के रतलाम में दो दिन पहले हुए हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी। मंगलवार को जब तीनों के शव बुटाटी गांव पहुंचे तो मातम छा गया। इस हादसे में दूल्हा-दुल्हन समेत मां और बुआ की मौत हो गई थी। पति-पत्नी और मां का शव बुटाटी गांव लाया गया। इसके बाद मंगलवार को तीनों के शव का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। तीनों की अर्थी देख परिजन बेसुध हो गए। वहीं बेटी के शव को देख मां भी बेहोश हो गई। वह बार-बार अपनी बेटी को आवाज देती रही।
दरअसल, हादसा 14 फरवरी एमपी में हुआ था। परिवार करीब 35 सालों से मध्यप्रदेश के साला गांव में रह रहा था। बेटे की हाल ही में 4 फरवरी को शादी हुई थी। इसके बाद 14 फरवरी को दूल्हा अपनी मां और दो बुआ के साथ दुल्हन को लेकर कार से राजस्थान में अपने गांव बुटाटी पूजा के लिए आ रहा था। तभी रास्ते में कार चला रहे दूल्हे को नींद की झपकी आ गई और तेज रफ्तार कार पुलिया से टकरा गई। वेलेंटाइन डे पर हुए इस हादसे में मां, दूल्हा-दुल्हन और बुआ की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक बुआ घायल हो गई।
दरअसल, रविराज सिंह पुत्र मनोहर सिंह निवासी बुटाटी का परिवार करीब 35 सालों से एमपी में धार के खलघाट के साला गांव में रह रहा था। ये होटल व्यवसाय से जुड़े हुए थे। 4 फरवरी को रविराज की जयपुर निवासी रेनू कंवर से शादी हुई थी। इसके बाद 14 फरवरी को गांव में पूजा के लिए रविराज अपनी मां विनोद कंवर, पत्नी रेणु और दो बुआ के साथ कार से राजस्थान आ रहे थे। तभी महू-नीमच फोरलेन पर उनकी कार पुलिया से टकरा गई। आसपास के लोगों ने घायलों को कार से निकाला। मौके पर ही रविराज सिंह पुत्र मनोहर सिंह (30), रेणु कुंवर पत्नी रविराज सिंह (22), माता विनोद कंवर पत्नी मनोहर सिंह व बुआ रेणु कंवर पत्नी राजवीर सिंह शेखावत (42) निवासी जयपुर की मौत हो गई। वहीं बुआ भंवर कंवर पत्नी सज्जन सिंह शेखावत (45) निवासी झुंझुनूं घायल हो गई थी।
दो भाइयों को हुई थी शादी
4 फरवरी को ही मृतक रविराज सिंह और 5 फरवरी को उसके भाई लोकेन्द्र सिंह की शादी हुई थी। शादी के बाद रविराज अपनी पत्नी रेणु सिंह, माता विनोद कंवर और दोनों बुआ भंवर कंवर व रेणु कंवर के साथ देवी पूजन के लिए गांव बुटाटी आ रहा था। वहीं सोमवार को जैसे ही इस हादसे की जानकारी गांव में परिजनों व रिश्तेदारों को हुई तो यहां गमगीन माहौल हो गया। मंगलवार को शव पहुंचने के बाद तो चारों और चीख-पुकार मच गई। एक घर से निकलती तीन अर्थियों को देखकर हर किसी की आंख नम थी। वहां मौजूद लोगों की आंख में आंसू थे। शादी के 10 दिन बाद दूल्हे और दुल्हन की मां के साथ जलती चिताओं ने पूरे गांव में मातम का माहौल कर दिया।