पूर्व की घटनाओं को देखते हुए देश ने अनेकों दुखद समाचार पढ़े व देखे-सुनें हैं।

 

भारतीय शांति, एकता और सौहार्द्र को बिगाड़ने में शामिल रहे कुछ निम्न लिखित अंश प्रस्तुत है।

* *धर्म और सत्ता के नाम पर अखण्ड भारत के दो टुकड़े हुए,

* *लाखों लोगों का खून जिसमेें हिन्दुओं की संख्या अत्यधिक थी जिनके स्वतंत्र भारत के बाद देखे सपनें अधूरी रह गई।

* *हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्र्तन किसने क्यों कराया*?

* *राम मंदिर तोड़ा और मस्जिद बनवाई – *अब वहीं पर पुनः मंदिर बन रहा है*

*गुरु तेग बहादुर का सिर कलम किसने किया वह कभी क्या ? माफ करने योग्य है*

* *कश्मीर में पंडितों का जनसंहार हुआ -।                  *लाखों लोगों का खून बहा, नर संहार करने वाले सभी क्या थे, जिसने लोगों से लोगों का विश्वास तोड़ा -*

*मुंबई में बम ब्लास्ट को जिसने अंजाम दिया -*
वह दाऊद क्या ? माफ किया ज़ा सकता है फिर भी वह अब तक जिंदा क्यों है।

*बुद्ध महावीर की मूर्ति किसने तोड़ी -*
हर शरारती क्या ? उन्मादी थे, ?निश्चित ही देश को तोड़ने वाला उनके कृत्य था।

* *भारत की संसद पर जिसने हमला किया*

वह सभी हमारे देश के दुश्मन थे। निश्चित रूप से देश ही नहीं बल्कि पूरी तरह से मानवता के भी दुश्मन थे।

* *गोधरा में साबरमती ट्रेन के एस-3 डिब्बे में आग जिसने लगाई -*
वह हर व्यक्ति मानवता के दुश्मन थे।

*जिसने असम से हिंदुओं को खदेड़ा-*

चाहे वह कोई भी जाति व धर्म के रहे हों। वे देश एवं समाज के दुश्मन है।

*9/11 को हिन्दुवादी राष्ट्र के सौहार्द्र को समाप्त करने की योजना से लोगों को गोलियों से भून दिया गया -*

वह कसाब भी विदेशी पाकिस्तानी था।

*अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने की मांग किया जाना*

**अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर तत्कालीन
जिम्मेदार मंत्री द्वारा जजिया टैक्स लगाये थाने की बातें भी धर्म की राजनीति का परिचायक है।

उपरोक्त बातों सहित 100 करोड़ हिन्दुओं को काट डालने की   पूर्व मै सोसियल मीडिया में चले मेसेज हिन्दुस्तान की शांति और सौहार्द्र के लिए खतरा थी और आगे  के लिए भी खतरा है।

*गायों को काटने और खाने के साथ-साथ अन्य निरीह जानवरों को मारने एवं खाने वालों के मानसिकता को बदलने वाला कार्य किया जाना लोकहित में आवश्यक है -*

साथ ही भारतीय सभ्य समाज को इस बात को भी समझना होगा ।

*भारतवंशी जो व्यक्ति भारतीय सम्मान में वंदे मातरम नहीं गा सकते -*

उनको हिन्दुस्तान में रहने की आवश्यकता ही क्यों ?

*भारत को जिस राज्य में मरा हुआ बोला जाता है*

ऐसे कोई भी व्यक्ति को भारत के किसी भी भू-भाग में रहने की आवश्यकता ही क्यों ?।

*हैदराबाद में तिरंगा का जलाना देश का अपमान है-*

*देश को बर्बाद करने की सोच*
रखने वाले को सभ्य जनता अभी माफ नहीं कर सकती।

देश को तोड़ने वाले जो कोई भी हो, जिस-किसी जाति, धर्म या समुदाय के हो, उन्हें हिन्दुस्तान के हवा-पानी में पलने-बढ़ने का अधिकार ही नहीं होना चाहिए।

निचे का-
*मैसेज जरूर पढ़ें अच्छा लगे तो फॉरवर्ड भी करें* ।
मैं हिन्दुस्तान में पैदा हुआ हूं,

* वन्दे मातरम: *
*जागो…भारत….जागो…
भारत में जन्मे एवं रहने वाले हर व्यक्ति .*उत्कृष्ट हिन्दुस्थानी है!

आएं एक साथ मिल कर हिन्दुस्तान को विश्वगुरु का दर्जा दिलाने में मदद करें,

*धर्म की राजनीति कब तक-?*
धर्म की राजनीति को छोड़कर कर्म प्रधानता को स्थापित करें और अपनाएं 🙏🏻
आज तक भारत सहित दुनिया भर के सभी राष्ट्र में धर्म की राजनीति होती रही है, कर्म को आंशिक रूप से तवज्जो दी जाती रही है।

देव भूमी है तो के चार मुख्य आधार स्तम्भ है,
विधायिका, न्यायपालिका, कार्य – पालिका और मीडिया !
विशेष बात यह है कि उपरोक्त चारों ताकत को एक साथ केन्द्र में रखकर देखा जाए तो चारों कोने बिना सहारे के झुकता हुआ दिखाई देता है,
देश-विदेश के उन चारों ताकतों को चार पहिए के रूप में चारों तरफ के बीच भाग में अथवा चारों कोने में लगा दें तो मध्य भाग कमजोर एवं झुकता हुआ दिखाई देता है!

इसलिए देश-दुनिया के चारों मजबूत स्तंभ की मजबूती भी आपसी लड़ाई/खींचतान में विश्वभर के मानव समाज सहित प्रत्येक जीव-जंतु और ज्ञान- विज्ञान खण्डित हो रही हैै। जिसकी प्रमाण विभिन्न राज्यों के कार्यस्थल एवं न्याय के मंदिर और प्रकाशित विभिन्न अखबारों के पन्ने पर भी देखा जा सकता है।

*कर्म की प्रधानता जरुरी*
उपरोक्त बातों पर गौर करें तो वर्तमान समय में प्रस्तुत संसार के हित में संसारिक सभ्यता के द्योतक सर्व शक्तिमान पांचवें स्तम्भ की सार्थकता को नकारा नहीं जा सकता है।

उक्त बातों की गंभीरता को देखते हुए पांचवें स्तम्भ की आवश्यकता जरूरी है। पांचवें स्तम्भ देश की समृद्धि के लिये चारों स्तंभों का मुख्य आधार है।

देश में पूर्ण शराबबंदी के पूर्ण समर्थक
पंचशील कौशल सेवा संस्थान का नींव की स्थापना 23 अप्रेल 2013 को किया गया है, संस्था का लक्ष्य पूर्ण शराब बंदी है। जिनके अभियान की उपयोगिता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

केन्द्र सरकार चाहे तो पांचवें स्तम्भ की उपयोगिता को पूर्णकालिक मुख्य आधार बिंदु समझकर पूर्ण शराब बंदी को पांचवें आधार स्तंभ के रूप में तुरंत लागू कर सकती है।

इस पांचवें स्तंभ को स्थापित करना अपने देश में निवास रत 135 करोड़ जनता के लिए अत्यन्त सम्मान का पल होगा।

शुद्ध भारतीय होने का गर्व तब है।
जब हम अपने देशी कल्चर को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ताकतों के बीच आइना बनाकर देश के सम्मान में आगे लायें।

मेरे साथ-साथ हम-आप, सबका दायित्व है,

मैं कसम खाता हूं मातृभूमि की मैं यह संदेश कम से कम 135 करोड़ हिन्दुस्तानियों को भेजूंगा।

हम सब मिलकर चलें और बोलें
*भारत माता की जय*