फिर अदालत ने जो किया वो…
पुणे। महाराष्ट्र के कोल्हापुर की एक अदालत ने मां की बर्बरतापूर्वक हत्या के मामले में गुरुवार को 35 साल के शख्स को फांसी की सजा सुनाई. जिला और सत्र न्यायाधीश महेश जाधव ने इसे दुर्लभतम मामला बताया और नरभक्षी बेटे सुनील कुचिकोरवी को मृत्युदंड सुनाया. ये कहानी इतनी खौफनाक है, जिसे सुनकर हर कोई दंग हो गया.
नरभक्षी बेटे को मिली मौत की सजा
अभियोजन पक्ष के अनुसार, युवक को अपनी 62 वर्षीय मां की हत्या की और उनके शव को चीरकर सारे अंग निकाल लिए. इसके नरभक्षी होने का संदेह था, क्योंकि जब आरोपी पकड़ा गया था तो उसकी मां के अंग में नमक, तेल और मिर्च पाउडर लगे हुए पाए गए थे. आरोपी के मुंह में भी खून लगा हुआ था.
मां ने शराब के लिए नहीं दिए पैसे तो…
लोक अभियोजक विवेक शुक्ला ने कहा कि घटना 28 अगस्त, 2017 को कोल्हापुर शहर के मकड़वाला वसाहाट में हुई थी. शुक्ला ने कहा, ‘कुचिकोरवी शराब का आदी था. घटना वाले दिन उसने अपनी मां से शराब खरीदने के लिए कुछ पैसे मांगे थे और जब मां ने मना किया तो उसने धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी ने उसके शरीर के दाहिने हिस्से को चीर दिया और दिल, किडनी, आंतों और अन्य अंगों को निकाल कर किचन के प्लेटफॉर्म पर रख दिया.
कोर्ट ने माना दुर्लभतम मामला
शुक्ला ने कहा कि कम से कम 12 गवाहों से पूछताछ की गई और चूंकि कोई चश्मदीद गवाह नहीं था. इसलिए अदालत ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर कुचिकोरवी को दोषी करार दिया. अदालत ने मामले को दुर्लभतम मानते हुए उसे मौत की सजा सुनाई.