ग्वालियर। एमपी में प्रदेश सरकार के खिलाफ नर्सेस ने आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है. आज नर्स डे पर मध्य प्रदेश नर्सेस एसोसिएशन के बैनर तले ग्वालियर के जीआरएमसी की नर्सेस सांकेतिक रूप से धरना देकर अपना विरोध दर्ज करा रही है. हालांकि इस दौरान उन्होंने आवश्यक मेडिकल सेवाओं को बाधित नहीं किया है.

दरअसल लंबे समय से स्टाफ नर्स की नियुक्तियां नहीं हुई है, ऐसे में अस्पताल नर्सों की किल्लत से जूझ रहा है. लिहाजा मौजूदा समय में जो नर्सेस महामारी के दौर में अपनी सेवाएं दे रही हैं, उन पर कार्य का बोझ अधिक बढ़ गया है. जिससे नर्सेज के संगठन लगातार भर्ती के लिए शासन प्रशासन से मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को दरकिनार कर रही है.

वहीं सरकार के इस रवैये परेशान होकर आपदा के समय में नर्सों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है. आंदोलनरत नर्सों ने अपने इस कदम के लिए मरीजों से माफी भी मांगी है, लेकिन उन्होंने सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार 3 दिन के अंदर उनकी मांगे नहीं मानी तो नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

आंदोलन का नेतृत्व कर रही मध्य प्रदेश नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार का कहना है कि आज के दिन सरकार को हमारा सम्मान करना चाहिए था, लेकिन आज हम कड़ी धूप में धरने पर बैठे हुए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को इस विषय में सोचना चाहिए नर्सों की इतनी कमी है कि 200 नर्से घंटें काम कर रही हैं , फिर भी मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं.